उत्तरकाशी में सुरंग में वर्टिकल ड्रिलिंग जारी है. सिल्कयारा सुरंग में फंसे श्रमिकों को बचाने में मदद के लिए वर्टिकल ड्रिलिंग चल रही है, बचावकर्मी पिछले डेढ़ घंटे में जमीन से 8 मीटर की दूरी तक आगे बढ़ने में कामयाब रहे. आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, पिछले डेढ़ घंटे में 8 मीटर तक की ड्रिलिंग पूरी हो चुकी है और फिलहाल 900 मिमी की पाइपलाइन बिछाने का काम किया जा रहा है. रेस्क्यू ऑपरेशन में अब सेना ने भी मोर्चा संभाल लिया है. मैनुअल ड्रिलिंग में सेना भी शामिल होगी. ऑगर जिस जगह फंसा है उसे वहां से पूरी तरह बाहर निकालने के लिए काम चल रहा है. शुरू हुई वर्टिकल ड्रिलिंग, सुरंग में फंसे ऑगर मशीन को निकालने में आएगी तेजी | Video.
बचाव कार्य को आगे बढ़ाने के लिए मशीन को पूरी तरह से हटाना आवश्यक है. श्रमिकों को बाहर निकालने का मार्ग तैयार करने के लिए मलबे में हाथ से ड्रिलिंग के जरिए पाइप डालने होंगे. सिलक्यारा में धंसी निर्माणाधीन सुरंग में ‘ड्रिल’ करने में इस्तेमाल की जा रही ऑगर मशीन के ब्लेड शुक्रवार रात मलबे में फंस गए थे, जिसके बाद अधिकारियों को अन्य विकल्पों पर विचार करना पड़ा जिससे बचाव कार्य में कई दिन या कई सप्ताह और लगने की संभावना है.
वर्टिकल ड्रिलिंग का काम जारी
#WATCH | Uttarkashi (Uttarakhand) tunnel rescue | Vertical drilling underway at the site of the rescue of 41 workers. Eight metres of drilling work complete.
(Video: SJVN) pic.twitter.com/Ybm4lc5vQs
— ANI (@ANI) November 26, 2023
भारतीय सेना की ‘कोर ऑफ इंजीनियर्स’ के समूह ‘मद्रास सैपर्स’ की एक इकाई बचाव कार्यों में सहायता के लिए रविवार को घटनास्थल पहुंची. अंतरराष्ट्रीय सुरंग विशेषज्ञ अर्नोल्ड डिक्स ने कहा कि अब तक की प्रगति शानदार है. उन्होंने कहा कि प्लाज्मा कटर ने मलबे में फंसे ऑगर के हिस्सों को निकालने की रफ्तार बढ़ा दी है.
चारधाम यात्रा मार्ग पर बन रही सुरंग का एक हिस्सा 12 नवंबर को ढह गया था, जिससे इसमें काम कर रहे 41 श्रमिक फंस गए थे. तब से विभिन्न एजेंसियां उन्हें बाहर निकालने के लिए युद्धस्तर पर बचाव अभियान चला रही हैं. श्रमिकों को छह इंच चौड़े पाइप के जरिए खाना, दवाइयां और अन्य जरूरी चीजें भेजी जा रही हैं.