देहरादून: उत्तराखंड (Uttarakhand) के चमोली (Chamoli) जिले में स्थित तपोवन टनल (Tapovan Tunnel) से दो और लोगों के शव बरामद हुए है. चमोली की जिलाधिकारी स्वाति भदौरिया (Swati Bhadoriya) ने बताया कि सुरंग के अंदर से रविवार तड़के दो शव बरामद हुए हैं. उन्होंने बताया कि शवों का पहचान की कोशिश जारी है. शवों को मुर्दाघर ले जाया जा चुका है. रेस्क्यू ऑपरेशन पर तेज़ी से काम चल रहा है. चमोली की ऋषिगंगा घाटी में सात फरवरी को आई बाढ़ में मारे गए 40 लोगों के शव अब तक बरामद हो चुके हैं, जबकि 164 अन्य लोग अब भी लापता हैं. इन लापता लोगों में तपोवन सुरंग में फंसे 25 से 35 वे लोग भी शामिल हैं जो आपदा के समय वहां काम कर रहे थे. उत्तराखंड आपदा: तपोवन सुरंग में फंसे लोगों तक पहुंचने के लिए सुराख को और चौड़ा किया जा रहा है
सुरंग में फंसे लोगों को बाहर निकालने के लिए सेना, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल, राज्य आपदा प्रतिवादन बल, भारत तिब्बत सीमा पुलिस द्वारा पिछले एक सप्ताह से संयुक्त बचाव अभियान चलाया जा रहा है. शनिवार को बचाव दल चमोली जिले के आपदा प्रभावित तपोवन परियोजना क्षेत्र में फंसे 25 से 35 लोगों को बचाने के लिए एक सुरंग की छेद को चौड़ा करने में व्यस्त थे. फिलहाल बचावकर्मी दो रणनीतियों पर काम कर रहे हैं - एक छेद को लंबवत रूप से ड्रिल करना और सुरंग के अंदर मलबे और कीचड़ को हटाना.
Uttarakhand | Two bodies have been recovered from the tunnel today. Search and rescue operations at Tapovan in Chamoli have been intensified following the recovery of the two bodies: Chamoli District Magistrate Swati Bhadoria pic.twitter.com/MyieTrULyn
— ANI (@ANI) February 14, 2021
रविवार सुबह 10 बजे के करीब ऋषि गंगा नदी के जलग्रहण क्षेत्र में समुद्र तल से 5600 मीटर ऊपर ग्लेशियर के मुहाने पर हिमस्खलन हुआ, जो लगभग 14 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र जितना बड़ा था, जिससे ऋषि गंगा नदी के निचले क्षेत्र में फ्लैश फ्लड की स्थिति बन गई. ऋषिगंगा में जल स्तर के बढ़ने पर फ्लैश फ्लड के कारण 13.2 मेगावाट की एक कार्यात्मक ऋषिगंगा छोटी पनबिजली परियोजना (स्मॉल हाइड्रो प्रोजेक्ट) को नुकसान पहुंचा है.
भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) ने अपना नियंत्रण कक्ष स्थापित किया है और सभी आवश्यक उपकरणों के साथ 450 आईटीबीपी कर्मी बचाव और राहत कार्यो में लगे हुए हैं. पांच राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की टीमें भी घटनास्थल पर पहुंच गई हैं और बचाव और राहत कार्यो में लगी हुई हैं. इसके अलावा भारतीय सेना की आठ टीमें, जिनमें एक इंजीनियर टास्क फोर्स (ईटीएफ) शामिल हैं, बचाव कार्य में जुटी हैं.