उत्तराखंड के चमोली जिले में ग्लेशियर के फटने से आई बाढ़ के कारण रविवार को राज्य में भगदड़ मच गई, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ने लोगों के लिए डूज और डॉनट्स की लिस्ट जारी की है. नंदा देवी ग्लेशियर का एक हिस्सा आज जिले के जोशीमठ में टूट गया, जिससे धौली गंगा नदी में बड़े पैमाने पर बाढ़ आ गई और इसके किनारे रहने वाले लोगों का जीवन खतरे में पड़ गया.
इस आपदा ने पारिस्थितिक रूप से नाजुक हिमालय की ऊपरी पहुंच में भारी तबाही मचाई, जिससे अधिकारियों को कई बचाव अभियान दल को घटना स्थल पर ले जाना पड़ा. अब तक तीन शव बरामद किए जा चुके हैं और तपोवन-रेनी में एक बिजली परियोजना में काम करने वाले 150 से अधिक मजदूरों के मारे जाने की आशंका है. यह भी पढ़ें: Uttarakhand Glacier Burst: ग्लेशियल आउटबर्स्ट फ्लड क्या है? ग्लेशियर कैसे और क्यों टूटता है, यहां पढ़ें पूरी डिटेल्स
एनडीएमए ने डूज और डोंट्स की लिस्ट जारी की है:
फ्लड के पहले :
• अफवाहों पर ध्यान न दें, शांत रहें, पैनिक न हों.
• आपातकालीन संचार के लिए अपने मोबाइल फोन को चार्ज रखें, एसएमएस का उपयोग करें.
• रेडियो सुनें, टीवी देखें, मौसम के अपडेट के लिए समाचार पत्र पढ़ें.
• उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मवेशियों / जानवरों को खुला रखें.
• सुरक्षा और सर्वाइवल के लिए आवश्यक वस्तुओं के साथ एक आपातकालीन किट तैयार करें.
• सांप के काटने और दस्त (diarrhoea ) के लिए अतिरिक्त दवा के साथ प्राथमिक चिकित्सा किट तैयार रखें.
• वाटर-प्रूफ बैग में अपने दस्तावेज़ और क़ीमती सामान रखें
फ्लड के दौरान:
• बाढ़ के पानी में प्रवेश न करें. यदि प्रवेश करते हैं तो उपयुक्त फुटवियर पहनें.
• सीवरेज लाइनों, गटर, नालियों, पुलिया आदि से दूर रहें.
• इलेक्ट्रोक्यूशन से बचने के लिए बिजली के खंभे और गिरी बिजली लाइनों से दूर रहें.
• ताजा पका हुआ या सूखा खाना खाएं. अपने भोजन को ढक कर रखें.
• उबला हुआ / क्लोरीनयुक्त पानी पिएं.
• अपने आसपास को साफ रखने के लिए कीटाणुनाशकों का उपयोग करें.
बाढ़ के बाद:
• बच्चों को बाढ़ के पानी में या उसके आस-पास खेलने की अनुमति न दें.
• किसी भी क्षतिग्रस्त बिजली के सामान का उपयोग न करें, उन्हें जांच लें.
• टूटे बिजली के खंभे और तारों, तेज वस्तुओं और मलबे की जांच करें.
• बाढ़ के पानी में खाना न खाएं
• मलेरिया से बचाव के लिए मच्छरदानी का उपयोग करें.
• पानी की लाइनें / सीवेज पाइप क्षतिग्रस्त होने पर शौचालय या नल के पानी का उपयोग न करें.
यदि आपको सेफ जगह जाने की आवश्यकता है:
• बेड पर, टेबल पर फर्नीचर आदि चीजें रखें.
• शौचालय के मुंह पर सैंडबैग (रेत से भरे बैग) रखें और सीवेज बैक फ्लो को रोकने के लिए सभी नाली के छेदों को कवर करें.
• बिजली और गैस कनेक्शन बंद करें.
• उंचाई वाली भूमि / सुरक्षित आश्रय में जाएं.
• आपातकालीन किट, प्राथमिक चिकित्सा बॉक्स और कीमती सामान अपने साथ रखें.
• गहरे, अज्ञात जल में प्रवेश न करें, पानी की गहराई की जांच के लिए एक छड़ी का उपयोग करें.
• घर वापस तभी आएं जब अधिकारी आपसे ऐसा करने के लिए कहें.
अधिकारियों ने बताया कि चमोली से ऋषिकेश और हरिद्वार तक नदी के किनारे की बस्तियों को क्लियर किया जा रहा है. 200 से अधिक जवान इस कार्य और स्थानीय प्रशासन के सहयोग से काम कर रहे हैं. जागरूकता बढ़ाने और लोगों को निकालने के लिए जोशीमठ के पास एक टीम तैनात की गई है. भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के प्रवक्ता विवेक पांडे ने कहा कि स्थिति नियंत्रण में है. यह भी पढ़ें: Uttarakhand: चमोली में ग्लेशियर टूटने से तबाही, जलस्रोतों में आई भारी बाढ़, लोगों को किया जा रहा रेस्क्यू
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने लोगों से पुराने बाढ़ के वीडियो के जरिए अफवाह न फैलाने का आग्रह किया है और हेल्पलाइन नंबर जारी किया है. रावत ने कहा, "यदि आप प्रभावित क्षेत्रों में फंसे हुए हैं और आपको किसी भी तरह की मदद की जरूरत है तो कृपया आपदा परिचालन केंद्र संख्या 1070 या 9557444486 पर संपर्क करें.