
चमोली: उत्तराखंड के चमोली जिले में बॉर्डर रोड्स ऑर्गेनाइजेशन (BRO) के मजदूरों को बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है, जहां शुक्रवार सुबह एक बड़े हिमस्खलन (Avalanche) ने भारी तबाही मचाई. यह हादसा भारत-तिब्बत सीमा के पास माणा गांव के पास हुआ, जिससे 57 मजदूर बर्फ में दब गए. अब तक 32 मजदूरों को बचाया जा चुका है, जबकि 25 से अधिक अब भी लापता हैं.
गूगल अर्थ की सैटेलाइट तस्वीरों में चमोली जिले का वह ऊंचाई वाला इलाका दिखा है, जहां मजदूर बर्फ के नीचे फंसे हुए हैं. यह क्षेत्र बद्रीनाथ मंदिर से महज 5 किलोमीटर दूर स्थित है और समुद्र तल से 3,200 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. पीटीआई न्यूज एजेंसी द्वारा साझा किए गए गूगल अर्थ दृश्यों में देखा गया कि यह इलाका चारों ओर ऊंचे बर्फीले पहाड़ों से घिरा हुआ है, जिससे बचाव कार्य में कठिनाइयां आ रही हैं.
गूगल अर्थ फुटेज से सामने आई लोकेशन
VIDEO | Google Earth visuals show the remote spot in Chamoli amid the lofty Himalayan mountains where 41 BRO labourers are still trapped after an avalanche hit their camp.
The incident site is close to Mana, three kilometres from Badrinath and the last village on the India-Tibet… pic.twitter.com/UAyz1SLwDP
— Press Trust of India (@PTI_News) February 28, 2025
कैसे हुआ हादसा?
यह हिमस्खलन BRO के निर्माण स्थल पर आया, जहां 57 मजदूरों के रहने के लिए बनाए गए 8 कंटेनर और 1 शेड बर्फ में दब गए. हिमस्खलन का कारण एक ग्लेशियर फटना बताया जा रहा है, जिससे अचानक भारी मात्रा में बर्फ नीचे गिरने लगी.
बचाव कार्य में मुश्किलें
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) और भारतीय सेना की टीमें लगातार फंसे हुए लोगों को निकालने में जुटी हैं, लेकिन भारी बर्फबारी और खराब मौसम के कारण बचाव कार्य धीमा पड़ गया है. मौसम विभाग (IMD) ने शुक्रवार तक "भारी से बहुत भारी" बर्फबारी की चेतावनी दी थी. बारिश और खराब मौसम की वजह से रेस्क्यू ऑपरेशन में बाधा आ रही है. तेज हवाओं और शून्य से नीचे के तापमान के कारण NDRF और SDRF की टीमें घटनास्थल तक पहुंचने में कठिनाई झेल रही हैं.