बाराबंकी: स्वच्छ भारत अभियान (Swachh Bharat Mission) के तहत भारत सरकार (Government of India) ने घर-घर में टॉयलेट (Toilet) निर्माण की मुहिम चलाई. इस अभियान के तहत देश के कई ग्रामीण इलाकों में टॉयलेट का निर्माण भी किया गया, ताकि लोग खुले में शौच करने की बजाय शौचायल का इस्तेमाल कर सकें. यहां सवाल यह है कि क्या स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत बनाए गए शौचालयों का सही इस्तेमाल किया जा रहा है? दरअसल, उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के बाराबंकी में भी एक परिवार को स्वच्छ भारत अभियान के तहत शौचालय बनाकर दिया गया, लेकिन यह परिवार उसका इस्तेमाल टॉयलेट के तौर पर नहीं, बल्कि रसोई घर के तौर पर कर रहा है. इस मामले में डीएम ने जांच के आदेश दिए हैं.
यह घटना है बाराबंकी (Barabanki) के अकनपुर गांव (Akan Pur village) की, जहां एक परिवार को स्वच्छ भारत मिशन (Swachh Bharat Mission) के अंतर्गत एक टॉयलेट (Toilet) का निर्माण करके दिया गया, लेकिन इसका इस्तेमाल पिछले एक साल से रसोई घर (Kitchen) के रूप में किया जा रहा है. इस परिवार के सदस्य राम प्रकाश का कहना है कि उनके पास उचित आवास नहीं है, इसलिए वे एक साल से इस शौचालय का इस्तेमाल किचन के रूप में कर रहे हैं.
इस मामले में बाराबंकी के डीएम आदर्श सिंह (DM Adarsh Singh) का कहना है कि हमें घर के लिए ऐसा कोई अनुरोध नहीं मिला है. हम मामले की जांच कर रहे हैं और परिवार को उचित आवास देने का प्रयास करेंगे. अगर ग्राम पंचायत और प्रधान द्वारा कोई लापरवाही की जाती है तो उचित कार्रवाई की जाएगी. यह भी पढ़ें: पीएम मोदी को मिला स्वच्छ भारत अभियान के लिए 'ग्लोबल गोलकीपर अवॉर्ड', कहा- यह करोड़ों भारतीयों का सम्मान जिन्होंने इस संकल्प को अपनाया
टॉयलेट को बनाया किचन
Adarsh Singh, DM Barabanki: We have not received any such request for house. We will investigate the matter and try to provide a proper accommodation. If there is negligence by the gram panchayat&pradhan then action will be taken. https://t.co/VaSMG8xMMS pic.twitter.com/XrFkyL3zYt
— ANI UP (@ANINewsUP) January 18, 2020
गौरतलब है कि भारत सरकार द्वारा 2 अक्टूबर 2014 को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 145वीं जयंती पर स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत की गई थी. इस अभियान के माध्यम से नरेंद्र मोदी की सरकार ने 2 अक्टूबर 2019 तक महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर भारत को स्वच्छ बनाने का लक्ष्य रखा. इस अभियान का मकसद ग्रामीण और शहरी इलाकों में घर-घर में शौचायल का निर्माण कर खुले में शौच को पूरी तरह से रोकना है.