
नई दिल्ली: 2008 के मुंबई आतंकी हमले के आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा को अमेरिका से भारत लाने के बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने पूछताछ शुरू कर दी है. हर दिन 8 से 10 घंटे की गहन पूछताछ से NIA यह जानने की कोशिश कर रही है कि मुंबई हमले के पीछे की बड़ी साज़िश क्या थी, और इसमें कौन-कौन शामिल था.
रिपोर्ट्स के अनुसार, राणा को दिल्ली स्थित CGO कॉम्प्लेक्स की हाई-सिक्योरिटी सेल में रखा गया है और एक विशेष NIA टीम उनसे पूछताछ कर रही है, जिसकी अगुवाई मुख्य जांच अधिकारी जया रॉय कर रही हैं. जांच एजेंसी का फोकस राणा की भारत यात्रा, खासकर उत्तर और दक्षिण भारत में उसके दौरे, और उनके हमले से पहले की गतिविधियों पर है.
कौन है तहव्वुर राणा?
तहव्वुर राणा एक 64 वर्षीय पाकिस्तानी मूल के कनाडाई बिजनेसमैन हैं, जिसे अमेरिका में पकड़ा गया था. राणा 26/11 के मुख्य साज़िशकर्ता डेविड हेडली उर्फ दाऊद गिलानी का करीबी है. दोनों के बीच कई फोन कॉल्स और संपर्क होने के सबूत जांच एजेंसी के हाथ लगे हैं.
फोन कॉल्स से जुड़े राज
NIA के पास राणा और हेडली के बीच हुई कई महत्वपूर्ण बातचीत के रिकॉर्ड हैं. इन्हीं बातचीतों के आधार पर उसे हमले की विस्तृत योजना और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठनों की भागीदारी को समझने की उम्मीद है.
तहव्वुर राणा की तीन मांगें
राणा ने अब तक सिर्फ तीन चीज़ों की मांग की है. एक पेन, कागज या नोटपैड और एक कुरान शरीफ. NIA ने कोर्ट के निर्देशानुसार इन तीनों चीज़ों की इजाज़त दी है. साथ ही, उसका नियमित मेडिकल चेकअप भी किया जा रहा है और उसे वकील से मिलने का भी अधिकार दिया गया है.
क्यों है ये पूछताछ अहम?
2008 का मुंबई हमला भारत के इतिहास का सबसे भयावह आतंकी हमला था, जिसमें 166 लोगों की जान गई और 230 से अधिक घायल हुए. अब जब तहव्वुर राणा भारत की गिरफ्त में है, तो NIA को उम्मीद है कि वह इस हमले के अब तक अज्ञात चेहरों को बेनकाब कर सकेगी.
तहव्वुर राणा की पूछताछ से आने वाले दिनों में मुंबई हमले से जुड़े कई नए राज सामने आ सकते हैं. NIA की कोशिश है कि इस केस को मूल जड़ों तक पहुंचाकर, हमले में शामिल हर एक शख्स को सजा दिलाई जाए.