Statue of Unity Ticket घोटाला: स्टैचू ऑफ यूनिटी के टिकट से मिले 5 करोड़ रुपये हुए गायब, पुलिस ने दर्ज की एफआईआर
स्टैचू ऑफ यूनिटी ( फोटो क्रेडिट- Pixabay)

गांधीनगर: एकता की मिसाल कही जाने वाली स्टेच्यू ऑफ यूनिटी से जुड़ी एक बेहद हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है. सरदार पटेल (Sardar Patel) की प्रतिमा स्टैचू ऑफ यूनिटी (Statue of Unity) की टिकट बिक्री में 5.24 करोड़ रुपये के गबन का मामला सामने आया है. इस घटना के बाद पुलिस ने मामाल दर्ज कर लिया है. दरअसल आरोप कि स्टैचू ऑफ यूनिटी के टिकट का पैसा इकठ्ठा करने वाली एजेंसी के कुछ कर्मचारियों ने मिले पैसों को अब तक जमा नहीं कराया था. ये रकम 5.24 करोड़ के लगभग है. नवंबर 2018 से मार्च 2020 के बीच यानी इन दो साल के भीतर एक रुपया नहीं बैंक के खाते में जमा कराया है. एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) की वडोदरा शाखा के मैनेजर ने इस गमन की शिकायत पुलिस में दर्ज कराई है.

राइटर बिज़नेस सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड (Writer Business Services Private Limited) नामक कंपनी पर यह आरोप लगा है. वहीं, मामाल दर्ज होने के बाद पुलिस ने स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के वित्तिय लेन-देन की जांच शुरू कर दी है. इस गबन कि जानकारी उस वक्त सामने आई जब ऑडिट कराया कराया तो पाया कि जमा पर्ची में दर्ज राशि और बैंक में जमा राशि में बड़ा अंतर है. फिलहाल अभी तक इस मामलें में किसी भी गिरफ्तारी नहीं हुई है. HDFC Bank को रिजर्व बैंक ने नए क्रेडिट कार्ड और डिजिटल लॉन्च रोकने का दिया आदेश.

बता दें कि लौहपुरुष और देश के पहले गृहमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल की प्रतिमा 'स्टेच्यू ऑफ यूनिटी' गुजरात के नर्मदा जिले में सरदार सरोवर बांध पर बनी है. इसकी कुल उंचाई 182 मीटर है. स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की प्रतिमा के निर्माण में 25,000 टन लोहे और 90,000 टन सीमेंट का इस्तेमाल किया गया है. स्टैच्यू ऑफ यूनिटी दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा है और स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी से आकार में दोगुनी है. सरदार वल्लभभाई पटेल को समर्पित यह प्रतिमा अहमदाबाद से करीब 200 किमी दूर है. इस प्रतिमा का उद्घाटन 31 अक्टूबर 2018 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था. यहां हर साल बड़ी संख्या में पर्यटक घुमने जाते हैं.