प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को गुजरात के केवड़िया में सरदार वल्लभभाई पटेल की 149वीं जयंती के अवसर पर उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की और राष्ट्रीय एकता दिवस (राश्ट्रिय एकता दिवस) के आयोजन में भाग लिया. इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने देश के विकास और एकता को नई दिशा देने वाले 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' और 'समान नागरिक संहिता' की जरूरत पर जोर दिया.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "इस बार राष्ट्रीय एकता दिवस एक अद्भुत संयोग लेकर आया है. एक तरफ हम एकता के पर्व को मना रहे हैं और दूसरी तरफ दीपावली का पर्व भी है." उन्होंने कहा कि दीपावली न केवल देश को रोशनी से भर देती है, बल्कि भारत को विश्व से जोड़ने का भी काम करती है. इस साल अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने भी व्हाइट हाउस में दीपावली मनाई, जो इस पर्व के बढ़ते वैश्विक महत्व को दर्शाता है.
'एक राष्ट्र, एक चुनाव' का प्रस्ताव
प्रधानमंत्री मोदी ने 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' (One Nation One Election) के विचार को जल्द ही साकार होने का विश्वास दिलाया. उन्होंने कहा, "हम 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' की ओर बढ़ रहे हैं, जो भारत के लोकतंत्र को मजबूत करेगा और विकास के सपनों को साकार करने में सहायक होगा."
इस प्रस्ताव को पहले ही कैबिनेट द्वारा मंजूरी मिल चुकी है और इसे आने वाले शीतकालीन सत्र में संसद के सामने प्रस्तुत किया जाएगा. 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' का उद्देश्य देश भर में सभी चुनावों को एक ही दिन या एक निर्धारित समय सीमा के भीतर संपन्न करना है, ताकि संसाधनों का समुचित उपयोग हो सके और देश के विकास को नई गति मिले.
देशभर में समान नागरिक संहिता जल्द
#WATCH | On 'Rashtriya Ekta Diwas', Prime Minister Narendra Modi says "Today we are all seeing the success of One Nation Identity- Aadhar and the world is also discussing it. Earlier, there were different tax systems in India, but we created the One Nation One Tax System- GST. We… pic.twitter.com/5CRKVkCYtU
— ANI (@ANI) October 31, 2024
समान नागरिक संहिता की दिशा में आगे बढ़ता भारत
प्रधानमंत्री मोदी ने 'एक राष्ट्र, एक नागरिक संहिता' (Uniform Civil Code) की भी चर्चा की, जिसे सभी नागरिकों के लिए एक समान कानून का सेट कहा जा रहा है. उन्होंने इसे "धर्मनिरपेक्ष नागरिक संहिता" करार देते हुए कहा कि भारत को एकजुट और मजबूत बनाने में यह एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है. समान नागरिक संहिता का उद्देश्य देश के सभी नागरिकों के लिए एक समान कानून का लागू करना है, जिससे धर्म, जाति या लिंग के आधार पर किसी भी प्रकार का भेदभाव न हो.
'राष्ट्रीय एकता दिवस' पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "आज हम सभी एक राष्ट्र पहचान- आधार की सफलता देख रहे हैं और दुनिया भी इसकी चर्चा कर रही है. पहले भारत में अलग-अलग टैक्स व्यवस्थाएं थीं, लेकिन हमने एक राष्ट्र एक टैक्स व्यवस्था- GST बनाई.हमने एक राष्ट्र एक पावर ग्रिड से देश के बिजली क्षेत्र को मजबूत किया. हमने एक राष्ट्र एक राशन कार्ड के माध्यम से गरीबों को मिलने वाली सुविधाओं को एकीकृत किया. हमने आयुष्मान भारत के रूप में देश के लोगों को एक राष्ट्र एक स्वास्थ्य बीमा की सुविधा प्रदान की है.
पीएम मोदी ने कहा, एकता के हमारे इन्हीं प्रयासों के तहत अब हम एक राष्ट्र एक चुनाव की दिशा में काम कर रहे हैं, जिससे भारत का लोकतंत्र मजबूत होगा, जिससे भारत के संसाधनों का अधिकतम उपयोग होगा और विकसित भारत के सपने को साकार करने में देश को नई गति मिलेगी. आज भारत एक राष्ट्र नागरिक संहिता यानि सेक्युलर नागरिक संहिता की तरफ बढ़ रहा है."