शुरुआती विवादों के बाद फिलहाल देश में बड़े पैमाने पर कोरोना रोधी वैक्सिनेशन (Anti Corona Vaccination) की रफ्तार बढ़ रही है. देश के लगभग हर वैक्सीन सेंटर पर लंबी लाइनें देखी जा सकती हैं. ताजे आंकड़ों के अनुसार अब तक भारत में करीब 13 करोड़ से ज्यादा लोगों को कोविड का वैक्सीन दिया जा जा चुका है. लेकिन टीकाकरण की इस प्रक्रिया में कुछ सवाल भी लोगों की जेहन में घुमड़ रहे हैं, मसलन कोविड वैक्सीन कैसे कार्य करता है, क्या कोविड पॉजिटिव मरीज इलाज के साथ वैक्सीन लगवा सकता है, अथवा कोविड के 2 डोज लेने के बाद भी व्यक्ति क्यों कोरोना संक्रमित हो रहा है? इन प्रश्नों को लेकर हमारी बातचीत मुंबई के डायबिटीज एवं हाई ब्लड प्रेशर विशेषज्ञ डॉ सूर्यकांत पंडित (Suryakant Pandit) और दिल्ली के चिकित्सक डॉ. जीतेंद्र सिंह से हमारी बात होती है.
कोरोना संक्रमण की दूसरी खतरनाक होती लहर के बीच हर व्यक्ति में वैक्सीन लगवाने की होड़ मची है, लोगों को समझ में आने लगा है कि कोरोना संक्रमण से बचने के लिए वैक्सीन लेना जरूरी है. यहां तक कि कोविड पॉजिटिव मरीज भी वैक्सीन लगवा कर खुद को सुरक्षित रखने के लिए तत्पर है. अब सवाल उठता है कि क्या कोरोना संक्रमण का इलाज करवा रहे पेशेंट को वैक्सीन देना चाहिए? इस प्रश्न के जवाब में डॉक्टर सूर्यकांत पंडित बताते हैं, -कोविड पॉजिटिव मरीज को इलाज के दरम्यान वैक्सीन नहीं लेनी चाहिए, बल्कि स्वस्थ होने के तीन से चार सप्ताह बाद ही वैक्सीन लेना कारगर होगा. डॉ. पंडित आगे कहते हैं, दरअसल कोरोना पॉजिटिव मरीज के इलाज के दरम्यान एंटीबॉडी अच्छी तरह विकसित हो चुकी होती है. उसे फिलहाल तीन से चार सप्ताह तक वैक्सीन लगवाने की जरूरत नहीं होती.
डॉ. पंडित से यह पूछने पर कि यह वैक्सीन कैसे कार्य करता है, वे बताते हैं? वैक्सीन में कोरोना वायरस को निष्क्रिय करनेवाले तत्व और इसे जन्म देनेवाले वायरस के साथ अन्य वायरस के नये वर्जन को निष्क्रिय करने वाले तत्व मौजूद होते हैं. ये हमारे शरीर को रोग प्रतिरोधक क्षमता को नुकसानरहित प्रोटीन निर्माण करने का निर्देश देता है, जिसमें वायरस से लड़ने की प्रचुर क्षमता होती है. टीकाकरण की बढ़ती रफ्तार से लोग राहत की सांस ले रहे हैं. उन्हें उम्मीद है कि दो-तीन माह में वैक्सिनेशन की प्रक्रिया पूरी हो जायेगी, तब कोरोना मुक्त भारत में वे राहत की सांस ले सकेंगे. लेकिन हाल ही में ऐसे कई मामले सामने आये हैं जब डबल डोज वैक्सीन लेने के बावजूद व्यक्ति कोरोना वायरस से संक्रमित हुआ. यह भी पढ़ें : Election Commission: चुनाव आयोग द्वारा हटाये गये मंजुनाथ भजंत्री आठ दिन बाद फिर बने देवघर के उपायुक्त
इस दुविधा को डॉ जीतेंद्र सिंह दूर करते हुए बताते हैं, -वैक्सीनेशन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद भी कोरोना फिलहाल खत्म होने वाला नहीं. क्योंकि वैक्सीन आपकी इम्युनिटी को मजबूत बनाती है, आपको संक्रमण से नहीं बचाती, यानी वैक्सीन की दोनों डोज लेने के बावजूद व्यक्ति कोरोना संक्रमित हो सकता है. अलबत्ता फर्क यह जरूर होगा कि वह पूर्व की तरह घातक नहीं होगा. क्योंकि वैक्सीन की दो डोज लेने के बाद हमारे शरीर में मौजूद एंटीबॉडीज कोरोना संक्रमण को आसानी से हरा देती हैं. बावजूद इसके वैक्सीन लेने के बाद संक्रमण की संख्या पर काफी हद तक नियंत्रण पाया जा सकता है. डॉ जीतेंद्र आगे बताते हैं, वैक्सीन के दोनों डोज लेने के बाद यदि आप किसी तरह कोरोना संक्रमित के संपर्क में आ जाते हैं और किसी लक्षण का अनुभव नहीं कर रहे हैं, तो आपको कोरेंटीन होने या घबराने की जरूरत नहीं है. हां, यदि आपको खांसी, बुखार, सांस की तकलीफ, दस्त अथवा कोरोना के अन्य लक्षण दिखें, तो कोरेंटीन रहते हुए टेस्ट करवाना चाहिए.
नोट- इस लेख में दी गई सेहत से जुड़ी तमाम जानकारियों को सूचनात्मक उद्देश्य से लिखा गया है. इसे बीी में दिए गए किसी भी टिप्स या सुझाव को आजमाने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें.