रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने शुक्रवार को अपनी मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक के नतीजों का ऐलान किया. कोरोना महामारी (COVD-19) की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए रिजर्व बैंक ने रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट को स्थिर बनाए रखने का फैसला लिया है. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Governor Shaktikanta Das) ने कहा आरबीआई ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है. यह 4 फीसदी पर बरकरार है. वहीं रिवर्स रेपो रेट 3.35 फीसदी पर बना हुआ है.
रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट स्थिर है यानी ग्राहकों को ईएमआई या लोन की ब्याज दरों पर कोई राहत नहीं मिली है. क्योंकि रेपो रेट घटने और बढ़ने के बाद बैंक ब्याज दरें घटा और बढ़ा देते है. जब भी रेपो रेट घटता है तो आम आदमी के लिए लोन लेना सस्ता हो जाता है. साथ ही EMI भी घट जाती है.
रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं
Reserve Bank of India keeps repo rate unchanged at 4%, maintains accommodative stance pic.twitter.com/fAhHBio4OR
— ANI (@ANI) August 6, 2021
रिजर्व बैंक ने 2021-22 के लिए जीडीपी में ग्रोथ (GDP Growth) के अनुमान को भी 9.5 फीसदी पर बरकरार रखा है.
जीडीपी में ग्रोथ 9.5 फीसदी
The projection for real GDP growth is retained at 9.5% for 2021-22: RBI Governor Shaktikanta Das pic.twitter.com/Qs5AL5s6EO
— ANI (@ANI) August 6, 2021
जीडीपी का आम आदमी पर असर
अगर जीडीपी बढ़ रही है, तो इसका मतलब यह है कि देश आर्थिक गतिविधियों में अच्छा प्रदर्शन कर रहा है और सरकार की नीतियां प्रभावी साबित हो रही हैं. वहीं अगर जीडीपी कम हो रही है तो इसका मतलब यह है कि अर्थव्यवस्था पटरी पर नहीं है. शक्तिकांत दास ने कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 में देश की वास्तविक जीडीपी 17.2 फीसदी रह सकती है.
महंगाई दर
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, वित्त वर्ष 2021-2022 में सीपीआई 5.7 फीसदी रह सकती है. 2022-23 की पहली तिमाही के लिए सीपीआई मुद्रास्फीति 5.1 फीसदी अनुमानित है. दूसरी तिमाही में महंगाई दर 5.9 फीसदी रह सकती है, तीसरी तिमाही में 5.3 और चौथी तिमाही में यह 5.8 फीसदी हो सकती है.
CPI inflation is projected at 5.7 % during 2021-22 - this consists of 5.9% in Q2, 5.3% in Q3 and 5.8% in Q4 of 2021-22 with risks broadly balanced. CPI inflation for the first quarter of 2022-23 is projected at 5.1%: RBI Governor Shaktikanta Das pic.twitter.com/SXE2HEZDWY
— ANI (@ANI) August 6, 2021
महंगाई दर बढ़ने का असर आम आदमी की बचत पर पड़ता है. महंगाई बढ़ने के साथ ही लोगों की खरीद क्षमता कम होती जाती है. ऐसे में आपने अपने खर्च के लिए जितना बजट निर्धारित किया होगा आपको अब उससे अधिक खर्च करना पड़ेगा.