बढ़ती महंगाई के बीच नए साल में रेल यात्रियों को एक और झटका लगने वाला है. दरअसल, भारतीय रेलवे (Indian Railways) ने किराए में बढ़ोतरी के संकेत दिए हैं. रेलवे बोर्ड के चेयरमैन वी. के. यादव ने गुरुवार को कहा कि रेलवे यात्री और माल भाड़ा दरों (Freight Rates) को 'तर्कसंगत' बनाने की प्रकिया में है. हालांकि, इस प्रक्रिया के तहत क्या किराया बढ़ाया जाएगा इस बारे में बताने से उन्होंने इनकार किया. यादव ने संवाददाताओं के साथ बातचीत में कहा कि भारतीय रेल ने घटते राजस्व से निपटने के लिए कई कदम उठाए हैं. किराया बढ़ाना एक 'संवेदनशील' मुद्दा है और अंतिम फैसला लेने से पहले इस पर लंबी चर्चा की जरूरत होगी.
उन्होंने कहा, 'हम किराया और माल भाड़े की दरों को तर्कसंगत बना रहे हैं. इस पर सोच- विचार किया जा रहा है. मैं , इससे ज्यादा कुछ नहीं कह सकता, यह एक संवेदनशील विषय है. चूंकि माल भाड़े का किराया पहले से अधिक है, हमारा लक्ष्य ज्यादा से ज्यादा यातायात को सड़क से रेलवे की ओर लाना है.' यह भी पढ़े- मोदी सरकार के मंत्री सुरेश अंगड़ी बोले-रेलवे को नुकसान पहुंचाने वाले प्रदर्शनकारियों को देखते ही मारें गोली.
Railways is in the process of "rationalising" its passenger and freight fares, says Railway Board Chairman VK Yadav
— Press Trust of India (@PTI_News) December 26, 2019
आर्थिक नरमी से भारतीय रेल की आय प्रभावित हुई है. सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में रेलवे की यात्री किराये से आमदनी वर्ष की पहली तिमाही के मुकाबले 155 करोड़ रुपये और माल ढुलाई से आय 3,901 करोड़ रुपये कम रही. चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल - जून) में यात्री किराये से रेलवे को 13,398.92 करोड़ रुपये की आय हुई थी. दूसरी तिमाही जुलाई - सितंबर में यह गिरकर 13,243.81 करोड़ रुपये रह गई.
भाषा इनपुट