![राफेल डील का ब्यौरा देने से केंद्र ने किया इनकार, SC को कहा- यह संभव नहीं राफेल डील का ब्यौरा देने से केंद्र ने किया इनकार, SC को कहा- यह संभव नहीं](https://hist1.latestly.com/wp-content/uploads/2018/10/plane-380x214.jpg)
नई दिल्ली: राफेल डील पर मचे घमासान के बीच सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को इस मामले पर दायर याचिकाओं पर सुनवाई की गई. शीर्ष अदालत ने अपने आदेश में केंद्र सरकार से विमान की कीमत, इसके लाभ और ऑफसेट पार्टनर चुनने की प्रक्रिया का विवरण बंद लिफाफे में मांगी है. हालांकि, मामले में अब सरकार के वकील का कहना है कि ऐसा संभव नहीं है. उन्होंने सीक्रेट एक्ट का हवाला देते हुए कहा कि यह जानकारियां साझा नहीं की जा सकती. वहीं, दूसरी तरफ कोर्ट ने सरकार से यह भी सार्वजनिक करने को कहा है ऑफसेट पार्टनर को चुने जाने की प्रक्रिया भी याचिकाकर्ताओं को बताएं.
शीर्ष अदालत द्वारा सीलबंद लिफाफे में विमान की कीमतों की जानकारी की मांग पर सरकार के वकील ने कहा "ऐसा कर पाना मुमकिन नहीं है." सरकारी वकील के इस जवाब पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वकील यह लिखित हलफनामा दाखिल करें कि ऐसा मुमकिन नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से कहा, "हमें दी गई जानकारी में से जो भी सार्वजनिक करने लायक है, वो जानकारी याचिकाकर्ताओं को उपलब्ध कराए. यह भी पढ़ें- राहुल के आरोपों पर बीजेपी का पलटवार, जावड़ेकर ने कहा-कांग्रेस को सपने में भी राफेल ही दिखता है
गौरतलब है कि चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अगुवाई वाली पीठ ने राफेल डील पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को राफेल की कीमतें, निर्णय लेने की प्रक्रिया और ऑफसेट पार्टनर चुनने की प्रक्रिया संबंधित विवरण सील बंद लिफाफे में 10 दिन के भीतर देने को कहा है. अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने ऑफीशियल सीक्रेट एक्ट का हवाला देते हुए कहा कि यह जानकारियां साझा नहीं की जा सकती. जिस पर कोर्ट ने कहा कि यदि ऐसा है तो सरकार हलफनामे के जरिए अपनी आपत्ति दर्ज कराए, अदालत इस पर विचार करेगी.
याचिकाकर्ता प्रशांत भूषण द्वारा राफेल विमान सौदे की सीबीआई से जांच की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इसके लिए आपको इंतजार करना पड़ेगा. मामले की अगली सुनवाई 14 नवंबर को होगी.