Kanwar Yatra 2024: जमीयत उलेमा-ए-हिंद के महासचिव मोहम्मद हकीमुद्दीन कासमी ने रविवार को कांवड़ यात्रा को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार के आदेश पर प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा योगी सरकार का फरमान नामुनासिब है. मोहम्मद हकीमुद्दीन कासमी ने आईएएनएस से कहा, कांवड़ यात्रा का जमीयत उलेमा-ए-हिंद हमेशा इस्तकबाल करता था. बहुत ही सलीके के साथ बनारस में, मुजफ्फरनगर में, शामली में और देश के कई इलाकों में जहां-जहां से कांवड़ यात्री निकलते थे उलेमा-ए-हिंद की ओर से फल देकर, पानी पिलाकर इस्तकबाल किया जाता था। योगी सरकार का फैसला बहुत गैर जिम्मेदाराना और गलत है. वहीं, जमीयत उलेमा-ए-हिंद प्रमुख मौलाना अरशद मदनी ने इसे मुनासिब फैसला नहीं माना.
उन्होंने कहा, हमारे मुल्क के लोग इस फैसले को कबूल नहीं कर रहे हैं. हमारा देश तो गांधी और नेहरू का देश है, पटेल का देश है. हम सब लोग इस मुल्क का हिस्सा हैं. इस तरीके के हालात अफ्रीका जैसे मुल्कों में होते थे, जहां इंसानों में भेदभाव किया जाता था. अंग्रेजों ने ऐसा कर रखा था, आजादी की लड़ाई के बाद अब यह ऐसा फरमान जारी किया गया है, यह मुनासिब नहीं है. हम अपनी लीगल टीम के संपर्क में हैं और लगातार चर्चा हो रही है. अभी कोई फैसला लिया नहीं गया है, जो भी फैसला लिया जाएगा उसके हिसाब से हम उचित कदम उठाएंगे. आगे हमें क्या करना है? इसमें हम विपक्ष और सत्ता पक्ष के भी नेताओं से बातचीत करेंगे और उचित कदम उठाएंगे। मदनी ने कहा, मैं खुद मुजफ्फरनगर गया था, वहां पर लोगों से बात की थी. एक रिपोर्ट जमीयत उलेमा-ए-हिंद को सौंपी गई थी. इसके बाद उस रिपोर्ट का अध्ययन हुआ। बाद में जमीयत उलेमा-ए-हिंद की ओर से बयान जारी किया गया. यह भी पढ़ें: Kedarnath Landslide: केदरानाथ भूस्खलन पर सीएम पुष्कर धामी ने जताया दुख, घायलों के उपचार का दिया निर्देश
यहाँ देखें वीडियो:
Delhi: Jamiat-Ulama-i-Hind, General Secretary Mohammad Hakimuddin Qasmi says, "During the Kanwar Yatra, the Jamiat Ulema-i-Hind always extended hospitality. In places like Banaras, Mujaffarnagar, and Shamli, in various neighborhoods from where Kanwar Yatra participants used to… pic.twitter.com/L6ROLcgI7a
— IANS (@ians_india) July 21, 2024
सत्ता पक्ष, विपक्ष और समाज के पढ़े लिखे लोगों को साथ लेकर हम बातचीत करेंगे और उसके बाद हम एक उचित कदम उठाएंगे. एनडीए की सरकार है, लेकिन एनडीए गठबंधन में कई ऐसे दल हैं जो इस फैसले के खिलाफ हैं, वह भी इसे गलत बता रहे हैं. हमारे समाज में जो भाईचारे का माहौल रहा है उसके अंतर्गत ऐसा फरमान गलत है, यह सरकार की नाजायज कोशिश जायज नहीं हो सकती। यह बांटने का कम कर रहे हैं. यह अंग्रेजों जैसा फरमान है, बांटो और राज करो। ऐसा फरमान हुकूमत की तरफ से जारी किया गया है जो गलत है. कई कांवड़ियों से भी बात हुई है, उनका इंटरव्यू मैंने सुना है, उनको भी यह फैसला मंजूर नहीं है. उनका कहना है कि मुसलमान लोग भी हमारी मदद करते थे. मुसलमान कांवड़ यात्रा के दौरान ज्यादा मददगार साबित हुए हैं. बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार ने हाल ही में पूरे राज्य में कांवड़ मार्गों को लेकर बड़ा आदेश जारी किया. जिसमें कहा गया है कि खाने-पीने की दुकानों पर मालिक या प्रोपराइटर के नेम प्लेट लगे होने चाहिए. आदेश में साफ कहा गया है कि गलत पहचान की वजह से गड़बड़ी नहीं होनी चाहिए. इस आदेश को लेकर राजनीतिक आरोप प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया है.