नई दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन (Harsh Vardhan) ने सीरम इंस्टीट्यूट (Serum Institute) और भारत बायोटैक (Bharat Biotech) की कोविड-19 वैक्सीन (COVID-19 Vaccine) पर सवाल उठाने वालों को कड़ा जवाब दिया है. एक तरफ मोदी सरकार 'कोविशील्ड' (Covishield) और 'कोवैक्सीन' (Covaxin) को वैश्विक महामारी के खिलाफ लड़ाई में भारत की स्थिति को मजबूत करने के लिए एक निर्णायक मोड़ करार दे रही है, तो दूसरी और कई नेता इस पर राजनीति करने से बाज नहीं आ रहे हैं. देश में कोरोना टीका उपलब्ध कराने को तैयार: सीरम इंस्टीट्यूट
केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन ने कहा “इस तरह के महत्वपूर्ण मुद्दे का राजनीतिकरण करना किसी के लिए भी अपमानजनक है. कोरोना वैक्सीन को मंजूरी देने के लिए विज्ञान समर्थित प्रोटोकॉल का अच्छी तरह से पालन किया गया है. शशि थरूर (Shashi Tharoor), अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) और जयराम रमेश (Jairam Ramesh) इसे बदनाम करने की कोशिश न करें. जागो और महसूस करो कि तुम केवल अपने आप को बदनाम कर रहे हो!”
Disgraceful for anyone to politicise such a critical issue.
Sh @ShashiTharoor, Sh @yadavakhilesh & Sh @Jairam_Ramesh don't try to discredit well laid out science-backed protocols followed for approving #COVID19vaccines
Wake up & realise you are only discrediting yourselves !
— Dr Harsh Vardhan (@drharshvardhan) January 3, 2021
एक दिन पहले ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कोरोना वायरस के टीका के सुरक्षित होने और इसकी प्रभाव क्षमता के बारे में अफवाहों और भ्रामक सूचना अभियानों से लोगों को गुमराह नहीं होने की शनिवार को अपील की. साथ ही उन्होंने दावा किया कि इसे मंजूरी देने से पहले किसी भी प्रोटोकॉल के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा.
ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) ने रविवार को सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के 'कोविशील्ड' वैक्सीन और भारत बायोटेक के 'कोवैक्सीन' को आपात उपयोग के लिए मंजूरी दे दी. इससे व्यापक पैमाने पर टीकाकरण अभियान का रास्ता साफ हो गया है. कोविडशील्ड को भारत में सीरम इंस्टीट्यूट बना रहा है. देश को कोरोना वायरस से निजात दिलाने में इन दोनों वैक्सीनो की भूमिका अहम मानी जा रही है.