कश्मीर मुद्दे पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के बयान से राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ गई हैं. विपक्ष ट्रंप के बयान पर सरकार पर निशाना साध रहा है. हालांकि भारत सरकार द्वारा दो टूक कहा गया है कि कश्मीर (kashmir) मसले पर भारत अपने निर्णय पर कायम है. पाकिस्तान (Pakistan) के साथ यह मसला द्विपक्षीय बातचीत के जरिए ही हल किया जाएगा. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जो बयान दिया है वह खुद अमेरिका के लिए समस्या बन गया है. पहले अमेरिकी विदेश मंत्रालय और व्हाइट हाउस की तरफ से कहा गया है कि कश्मीर मुद्दा भारत और पाकिस्तान के बीच का द्विपक्षीय मसला है.
ट्रंप के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस नेता शशि थरूर (Shashi Tharoor) ने कहा "ट्रंप नहीं जानते कि वे क्या कह रहे हैं, शायद उन्हें इस मुद्दे की समझ नहीं होगी या फिर किसी ने उनको बताया नहीं होगा. यह असंभव है कि प्रधानमंत्री मोदी (PM Narendra Modi) इस मुद्दे के लिए किसी को कहेंगे, क्योंकि यह हमारी स्पष्ट नीति है कि हम किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता नहीं चाहते, अगर हमें पाकिस्तान से बात करनी है तो हम सीधी बात करेंगे."
शशि थरूर ने कहा- असंभव है मोदी ऐसा कहें-
S Tharoor, ex-MoS MEA: Trump doesn't know what's he saying. Maybe he didn't understand the issue or nobody briefed him. Impossible that Modi will ask anyone else because it's our clear policy that we don't want a 3rd party mediation. If we've to talk to Pak,we'll do that directly pic.twitter.com/TEUSMG0PZP
— ANI (@ANI) July 23, 2019
ट्रंप के बयान पर कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया, ''भारत ने कभी भी कश्मीर मामले में तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को स्वीकार नहीं किया है. डोनाल्ड ट्रंप के दावे पर पीएम मोदी को देश को जवाब देना चाहिए.''
विदेश मंत्रालय ने किया सरकार का रुख साफ
ट्रंप के बयान पर भारत ने विरोध जताया. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट करते हुए डोनाल्ड ट्रंप के बयान को सिरे से खारिज कर दिया. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट किया, ''हमने देखा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि यदि भारत और पाकिस्तान की ओर से ऐसी पेशकश की जाती है तो वह कश्मीर मामले पर मध्यस्थता के लिए तैयार हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से अमेरिकी राष्ट्रपति से ऐसी कोई बात नहीं कही गई. पाकिस्तान के साथ किसी भी तरह की बातचीत के लिए उसका सीमा पार आतंकवाद बंद करना जरूरी है.''
क्या कहा था डोनाल्ड ट्रंप ने
दरअसल, सोमवार को इमरान खान से मुलाकात के दौरान डोनाल्ड ट्रंप ने कश्मीर मसले पर मध्यस्थता की पेशकश की. डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुझसे कश्मीर मसले पर मध्यस्थता करने को कहा है, अगर मुझे ऐसा करने को कहा जाता है तो वह इसके लिए तैयार हैं. हालांकि ट्रंप के इस दावे का भारत ने विरोध किया है.
भारत सरकार की तरफ से कहा गया है कि नरेंद्र मोदी ने कभी भी इस तरह की पेशकश नहीं की है. ना सिर्फ भारत बल्कि अमेरिका के भी कई सांसदों ने डोनाल्ड ट्रंप के बयान का विरोध किया है. व्हाइट हाउस की ओर से कहा गया है कि कश्मीर मसला भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय मसला है. इसलिए ये मसला दोनों देश बातचीत के जरिए सुलझा सकते हैं.