
तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैय्यप एर्दोगान गुरुवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफके निमंत्रण पर दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा के लिए इस्लामाबाद पहुंचे. उनका स्वागत पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने नूर खान एयरबेस, रावलपिंडी में किया. इस अवसर पर उन्हें 21 तोपों की सलामी भी दी गई.
भव्य स्वागत और सुरक्षा इंतजाम
एर्दोगान के विमान को पाकिस्तान वायुसेना के जेट विमानों ने देश के हवाई क्षेत्र में प्रवेश करने के बाद सुरक्षा प्रदान की. इस यात्रा में तुर्की की प्रथम महिला एमीन एर्दोगान सहित एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल उनके साथ आया, जो इंडोनेशिया से पाकिस्तान पहुंचा था.
शहबाज शरीफ ने एर्दोगान की यात्रा को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि वे एक "दूरदर्शी राजनेता" हैं, जिन्होंने तुर्की को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है. उन्होंने अपने आधिकारिक बयान में कहा, "मेरे भाई राष्ट्रपति एर्दोगान एक दूरदर्शी नेता हैं, जिन्होंने तुर्की को रूपांतरित किया है. उनके गतिशील नेतृत्व में पाकिस्तान और तुर्की के ऐतिहासिक और मजबूत संबंध और गहरे हुए हैं. इस ऐतिहासिक यात्रा के साथ, हम इन मजबूत संबंधों को और ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए तैयार हैं."
Sevgili kardeşim Cumhurbaşkanı Recep Tayyip Erdoğan @RTErdogan ve saygıdeğer kız kardeşim First Lady Emine Erdoğan, Pakistan halkıyla birlikte Pakistan'a geldiğiniz için size sıcak bir şekilde hoş geldiniz diyorum.
Kardeşim Cumhurbaşkanı Erdoğan, vizyon sahibi bir devlet adamı… pic.twitter.com/HndHpS0HnY
— Shehbaz Sharif (@CMShehbaz) February 12, 2025
पाकिस्तान में एर्दोगान की प्रमुख बैठकें
पाकिस्तानी समाचार एजेंसी 'डॉन' के अनुसार, एर्दोगान पाकिस्तान-तुर्की उच्च स्तरीय सामरिक सहयोग परिषद (HLSCC) के 7वें सत्र की संयुक्त अध्यक्षता करेंगे. इस बैठक में दोनों देशों के बीच कई महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए जाने की संभावना है.
इसके अलावा, राष्ट्रपति एर्दोगान पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से अलग-अलग द्विपक्षीय वार्ता भी करेंगे. पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के अनुसार, यह बैठक दोनों देशों के रणनीतिक सहयोग को नई दिशा प्रदान करेगी. बयान में कहा गया कि "पाकिस्तान और तुर्की ऐतिहासिक भ्रातृत्व संबंधों से जुड़े हैं, और यह यात्रा इन संबंधों को और प्रगाढ़ बनाने और बहुआयामी सहयोग को बढ़ाने का अवसर प्रदान करेगी."
सुरक्षा चिंताओं के बीच यात्रा
गौरतलब है कि एर्दोगान की इस यात्रा से कुछ घंटे पहले ही अमेरिकी दूतावास ने इस्लामाबाद स्थित फैसल मस्जिद के खिलाफ पाकिस्तानी तालिबान के संभावित खतरे को लेकर यात्रा परामर्श जारी किया था. अमेरिकी नागरिकों को मस्जिद और उसके आसपास के इलाकों में जाने से बचने की सलाह दी गई थी.
राष्ट्रपति एर्दोगान की यह यात्रा पाकिस्तान-तुर्की संबंधों को नई मजबूती देने के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है और इससे दोनों देशों के बीच आर्थिक, सुरक्षा और सांस्कृतिक संबंधों को और गहरा करने की संभावना है.