महाराष्ट्र की राजनीति: NCP से कटा अजीत पवार का पत्ता, अब जयंत पाटील नियुक्त किए गए विधायक दल के नेता
जयंत पाटील (Photo Credits: IANS)

महाराष्ट्र में चल रहे नाटकीय घटनाक्रम के तहत राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) की शनिवार शाम को हुई बैठक में अजीत पवार पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए पार्टी ने उन्हें विधायक दल के नेता पद से हटा दिया है. राकांपा ने उनके स्थान पर प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटील (Jayant Patil) को विधायक दल का नया नेता चुना है. पार्टी की यहां आयोजित एक बैठक में राकांपा अध्यक्ष शरद पवार और वरिष्ठ नेताओं के साथ ही विधायक शामिल हुए. उन्हें विधायकों को व्हिप जारी करने के साथ ही अन्य अधिकार दिए गए थे, जो तत्काल प्रभाव से वापस ले लिए गए.

अब उनकी जगह पर जयंत पाटील को राकांपा का नया नेता चुना गया है और उन्हें अन्य निर्णयों के लिए अधिकृत किया गया है. अजीत पवार को 30 अक्टूबर को विधानसभा का नेता चुन लिया गया था. महाराष्ट्र चुनाव परिणाम 24 अक्टूबर को घोषित हुए थे. इससे पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ सरकार के गठन को लेकर पार्टी प्रमुख शरद पवार ने सुबह कहा था, "राकांपा इसका पूर्ण विरोध करती है. यह पार्टी के खिलाफ उठाया गया कदम है और अजीत पवार ने पार्टी अनुशासन की धज्जियां उड़ा दी हैं."

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दूसरी तरफ महाराष्ट्र में राजनीतिक घटनाक्रम तेजी से बदलने के बाद शनिवार शाम शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने भी यहां के एक होटल में अपने पार्टी विधायकों के साथ बैठक की. इससे पहले, ठाकरे ने अपने पूर्व सहयोगी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधते हुए कहा, "आज सुबह राजभवन में जो कुछ हुआ, वह महाराष्ट्र में लोकतंत्र पर 'फर्जिकल स्ट्राइक' है." गौरतलब है कि राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने शनिवार सुबह आठ बजे भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ दिलवाई. राकांपा प्रमुख शरद पवार के बागी भतीजे अजीत पवार ने भी उनके साथ उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली.

राकांपा ने इसके बाद प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि भाजपा और अजीत पवार ने महाराष्ट्र में सरकार भले बना ली है, लेकिन वे बहुमत साबित नहीं कर पाएंगे. शरद पवार ने दोपहर में पत्रकारों से बातचीत में कहा, "पार्टी की बैठक में उपस्थिति के लिए विधायकों के हस्ताक्षर लिए गए थे. यही सूची अजीत पवार ने राज्यपाल को विधायकों के समर्थन पत्र के रूप में सौंपी है."

शरद पवार ने कहा कि शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस गठबंधन सरकार बनाने के कगार पर था, लेकिन शनिवार सुबह सात बजे उन्हें पता चला कि घटनाक्रम बदल चुका है. पवार ने कहा, "हमारे पास कुल 169 विधायकों का समर्थन है, इसलिए हम (तीनों पार्टियां) साथ आए. हमारे पास संख्याबल था और सरकार बनाने वाले थे. राज्यपाल ने जो आज किया, उससे मैं आश्चर्यचकित हूं."

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