वित्त मंत्री अरुण जेटली (Arun Jaitley) ने सोमवार को कहा कि ‘महागठबंधन’ प्रतिद्वन्द्वी दलों का आत्मघाती गठजोड़ है और 2019 के लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2019) में लोगों को ‘मोदी या अराजकता’ में से चयन करना है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के नेतृत्व वाली नेशनल डेमोक्रेटिक एलायंस (NDA) लोकसभा चुनाव में दूसरी बार जनादेश प्राप्त करने के लिए उतर रही है. इस चुनाव में 90 करोड़ लोगों के मतदान करने की उम्मीद है. लोकसभा चुनाव 11 अप्रैल से शुरू हो रहा है और 23 मई को मतगणना होगी. जेटली ने अपने ब्लॉग में कहा, ‘जिसे महागठबंधन के रूप में पेश किया गया वह कई प्रतिद्वंद्वी गठबंधनों के ‘गठबंधन’ के तौर पर सामने आ रहा है. यह ‘प्रतिद्वंद्वियों का आत्मघाती गठबंधन’ है.’
जेटली ने अपने ब्लॉग में लिखा कि विपक्षी खेमे में नेतृत्व का मुद्दा पहेली बना हुआ है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी एक पूर्ण नेता नहीं हैं. उन्होंने लिखा, ‘वह आजमाये हुए और असफल हैं. मुद्दों पर उनकी समझ की कमी भयावह हैं. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी एक पूर्ण नेता नहीं हैं.’ जेटली ने अपने ब्लॉग में मायावती और ममता बनर्जी को भी घेरने की कोशिश की. उन्होंने लिखा, 'मायावती की पार्टी पिछले लोकसभा चुनाव में खाता भी नहीं खोल पायी थी और अब कह रही हैं कि वह अपनी रणनीति का खुलासा चुनाव परिणाम के बाद करेंगी. उन्होंने कहा सहयोगी दलों के साथ उनके पुराने झगड़ों के घाव के निशान अभी मिटे नहीं हैं. यह भी पढ़ें- लोकसभा चुनाव 2019: बिहार की वो 5 सीटें जहां हो सकता है कांटे का मुकाबला, जीतने वाले का दिल्ली में होगा दबदबा
वहीं, ममता बनर्जी के बारे में जेटली ने लिखा, 'ममता दीदी सूत्रधार बनने की कोशिश कर रही हैं. वह पश्चिम बंगाल में कांग्रेस या वाम दलों के लिए एक भी सीट नहीं देना चाहतीं. वह चाहती हैं कि यदि वह ड्राइवर सीट पर हैं तो बाकी सब पीछे बैठें. जेटली ने कहा कि विपक्ष का गठबंधन अस्पष्ट है. उनमें कोई भी पार्टी बड़ी संख्या में सीट जीतने में सक्षम नहीं है. उन्होंने कहा कि एनडीए में नेतृत्व को लेकर कोई संदेह नहीं है. मोदी उसका नेतृत्व कर रहे हैं और चुनाव में विजय होने पर वही प्रधानमंत्री बनेंगे.
भाषा इनपुट