लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Elections 2019) का औपचारिक ऐलान रविवार को चुनाव आयोग ने कर दिया है. बिहार (Bihar) की कुल 40 लोकसभा सीटों पर इस बार सात चरणों में मतदान होगा. लोकसभा चुनाव के मतदान का पहला चरण 11 अप्रैल को शुरू होगा जबकि सातवां व अंतिम चरण 19 मई को होने वाले मतदान के साथ संपन्न होगा. सातों चरण के मतदान संपन्न हो जाने पर वोटों की गिनती 23 मई को एक साथ होगी. लोकसभा चुनाव में बिहार में मुख्य मुकाबला बीजेपी-जेडीयू के नेतृत्व वाले एनडीए (NDA) और आरजेडी-कांग्रेस के नेतृत्व वाले महागठबंधन (Grand Alliance) के बीच होगा. इस चुनाव में बिहार की 40 लोकसभा सीटों में से जिन पांच सीटों पर देश की निगाहें होंगी. इसके बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं-
1. पटना साहिब
पटना साहिब सीट बिहार की वीआईपी लोकसभा सीटों में से एक है. पहली वजह तो यह है कि यहां से अभी बीजेपी के शत्रुघ्न सिन्हा सांसद है और पिछले कई महीनों से वे अपनी बागी तेवर को लेकर लगातार सुर्खियों में हैं. इसके अलावा यह सीट बिहार की राजधानी पटना के अंतर्गत आती है और राज्य के 40 लोकसभा क्षेत्रों में सबसे अधिक मतदाता इसी सीट के अंतर्गत आते हैं. शत्रुघ्न सिन्हा के पार्टी विरोधी गतिविधियों को देखते हुए यह तय माना जा रहा है कि बीजेपी इस बार उन्हें टिकट नहीं देने जा रही है. हालांकि शत्रुघ्न सिन्हा ने हाल ही में कहा था कि सिचुएशन कोई भी हो लोकेशन वही रहेगी. इसका मतलब वे अपने मौजूदा लोकसभा क्षेत्र पटना साहिब से ही चुनाव लड़ेंगे. लेकिन किस पार्टी के टिकट पर यह अभी साफ नहीं. उधर, महागठबंधन की बात करें तो सीट बंटवारे के तहत यह सीट कांग्रेस के खाते में जा सकती है. हालांकि कांग्रेस इस सीट से किसे उम्मीदवार बनाएगी यह तस्वीर भी अभी साफ नहीं है.
2. नवादा
नवादा सीट भी बिहार की चर्चित लोकसभा सीटों में से एक है. फिलहाल यहां से बीजेपी के फायर ब्रांड नेता गिरिराज सिंह सांसद हैं. हालांकि इस चुनाव में उनका नवादा सीट से पत्ता कट गया है. बिहार एनडीए में सीट शेयरिंग के तहत नवादा सीट एलजेपी के खाते में चली गई है. कुछ दिनों पहले ही एलजेपी के बाहुबली सूरजभान सिंह की पत्नी वीणा देवी ने कहा था कि इस चुनाव में वो नवादा सीट से मैदान में होंगी. इसके साथ ही सोमवार को एलजेपी के प्रदेश अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस ने स्पष्ट किया कि नवादा सीट अब हमारी पार्टी के खाते में है. उन्होंने कहा कि हमारे कोटे की 6 सीटों में हमें मुंगेर के बदले नवादा सीट मिली है. इस बीच, ऐसी खबरें हैं कि गिरिराज सिंह को कथित रूप से बेगूसराय सीट की पेशकश की गई है. हालांकि वो इसके लिए तैयार नहीं है और इस पेशकश को ठुकरा दिया है. उधर, महागठबंधन की बात करें तो यह सीट किस पार्टी के खाते में जाएगी यह अभी तय नहीं है.
3. मुंगेर
मुंगेर सीट पिछले कुछ महीनों से काफी चर्चा में रहा है क्योंकि बिहार के बाहुबली नेता मोकामा से विधायक अनंत सिंह लगातार इस सीट से चुनाव लड़ने का दावा पेश कर रहे हैं. अनंत सिंह ने टिकट के लिए पहले आरजेडी से बात की लेकिन तेजस्वी यादव ने दागी छवि होने के कारण उन्हें अपना उम्मीदवार बनाने से साफ इनकार कर दिया. इसके बाद अनंत सिंह ने कांग्रेस से बातचीत चलाई और टिकट पाने के लिए उन्होंने पटना के गांधी मैदान में हुई राहुल गांधी की रैली में भीड़ जुटाने में मदद भी की. लेकिन फिर भी कांग्रेस की तरफ से उनकी उम्मीदवारी पर मुहर नहीं लगी है. कहा जा रहा है कि लालू प्रसाद यादव अनंत सिंह की महागठबंधन से उम्मीदवारी को लेकर मानने को तैयार नहीं हैं. उधर, मुंगेर सीट से मौजूदा सांसद वीणा देवी इस बार नवादा से चुनावी मैदान में होंगी. ऐसे में मुंगेर सीट पर जेडीयू अपना उम्मीदवार उतार सकती है. माना जा रहा है कि जेडीयू इस सीट से राजीव रंजन सिंह ऊर्फ ललन सिंह को उम्मीदवार बना सकती है.
4. बेगूसराय
बेगूसराय सीट इस चुनाव में सबसे ज्यादा चर्चा में रहने वाला है क्योंकि जेएनयू छात्र संघ के पूर्व नेता कन्हैया कुमार सीपीआई पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर यहां से चुनाव लड़ सकते हें, जिसका समर्थन महागठबंधन करेगी. बेगूसराय से सांसद रहे बीजेपी के भोला सिंह का निधन हो गया है. खबरों की मानें तो इस बार बेगूसराय सीट गिरिराज सिंह को ऑफर किया गया है लेकिन वे इस सीट से चुनाव लड़ने को तैयार नहीं हैं. यह भी पढ़ें- कंप्यूटर बाबा पर मेहरबान हुई मध्यप्रदेश सरकार, बनाया मां नर्मदा, मां क्षिप्रा और मंदाकनी नदी न्यास का अध्यक्ष
5. जमुई
जमुई सीट से 2014 के लोकसभा चुनाव में रामविलास पासवान के बेटे और एलजेपी उम्मीदवार चिराग पासवान ने जीत दर्ज की थी. चिराग पासवान एक बार फिर से जमुई सीट से चुनावी मैदान में होंगे. महागठबंधन की बात करें तो आरजेडी इस सीट से अपना उम्मीदवार उतारने की तैयारी में है.