जम्मू-कश्मीर: फारूक अब्दुल्ला की सभी दलों के नेताओं से अपील, कहा- बंदियों की रिहाई के लिए दें मेरा साथ
फारूक अब्दुल्ला (Photo Credits:ANI)

श्रीनगर: पब्लिक सेफ्टी एक्ट (Public Safety Act) के तहत करीब सात महीने तक नजरबंद रहने के बाद शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर (Jammu And Kashmir) के पूर्व मुख्यमंत्री (Former Chief Minister) और नेशनल कॉन्फ्रेंस पार्टी (National Conference Party) के नेता फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) को रिहा किया गया, जिसके बाद अब वो अन्य लोगों की रिहाई के लिए सभी दलों के नेताओं से एकजुट होने की अपील कर रहे हैं. नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने रविवार को पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य के सभी दलों से केंद्र शासित प्रदेश के बाहर जेलों में रखे गए सभी लोगों को 'मानवीय' आधार पर वापस लाने के लिए केंद्र सरकार से एकजुट होकर अपील करने को कहा.

उन्होंने कहा कि हम उन सभी को जल्द से जल्द रिहा कराना चाहते हैं, जिन्हें जम्मू-कश्मीर से बाहर जेल में रखा गया है. उन्होंने कहा कि यह एक मानवीय मांग है और मुझे उम्मीद है कि अन्य लोग इस मांग को भारत सरकार के सामने रखने में मेरा साथ देंगे. उन्होंने राजनीतिक दलों के नेताओं का आह्वान करते हुए कहा- इससे पहले कि हम राजनीति को हमें विभाजित करने की अनुमति दें, मैं यहां सभी राजनीतिक दलों के नेताओं से अपील करता हूं कि वे जम्मू-कश्मीर के बाहर के जेलों में रखे गए लोगों की रिहाई के लिए एकजुट होकर केंद्र सरकार से अपील करे.

देखें ट्वीट-

बता दें कि करीब सात महीने पहले फारूक अब्दुल्ला को ऐहतियात के तौर पर हिरासत में लिया गया था, लेकिन बाद में यानी 15 सितंबर को उन पर जन सुरक्षा कानून (पीएसए) की धाराएं लगा दी गईं और हिरासत की अवधि 11 मार्च तक बढ़ा दी गई. यह भी पढ़ें: जम्मू-कश्मीर: फारूक अब्दुल्ला ने की बेटे उमर अब्दुल्ला से मुलाकात, PSA के तहत 7 महीने बाद हुए है नजरबंदी से रिहा

अब्दुल्ला ने कहा कि उन्होंने जम्मू-कश्मीर में पिछले साल 5 अगस्त से देखे गए महत्वपूर्ण बदलावों के मद्देनजर राजनीतिक विचारों के 'स्वतंत्र और स्पष्ट आदान-प्रदान' की वकालत की थी. हालांकि हम अब भी ऐसे माहौल से दूर हैं, जहां इस तरह का राजनीतिक संवाद संभव होगा. खासतौर पर ऐसे लोगों की संख्या को ध्यान में रखते हुए जो कि पिछले साल अगस्त में हिरासत में लेने के बाद जम्मू-कश्मीर के बाहर की जेलों में रखे गए.

फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि मुझे घर में नजरबंद किया गया था और मेरा परिवार मुझसे मिल सकता था. शनिवार को जब मैं अपने बेटे उमर से मिलने गया तो मुझे अपने घर से करीब एक किलोमीटर की दूरी तय करके उसे देखने जाना पड़ा. इसके साथ उन्होंने यह भी कहा कि हिरासत में लिए गए कई ऐसे लोग हैं, जिनके परिजन का उनसे मिलना भी आसान नहीं है.

(भाषा इनपुट के साथ)