कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस ने शनिवार को एक स्टिंग वीडियो जारी किया जिसमें संदेशखाली के एक भाजपा पदाधिकारी यह स्वीकार करते हुए दिखाई दे रहे हैं कि बलात्कार सहित कई आरोप भाजपा के वरिष्ठ नेताओं, जिनमें विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी भी शामिल हैं, के निर्देश पर लगाए गए थे.
33 मिनट के इस वीडियो में संदेशखाली ब्लॉक- II भाजपा मंडल अध्यक्ष गंगाधर कोयल पर ध्यान केंद्रित किया गया है.
वीडियो में कोयल कहते हुए सुनाई दे रहे हैं, "हमने शुभेंदु दा (भाजपा विधायक और विधानसभा में विपक्ष के नेता अधिकारी) के निर्देशों का पालन किया है. उन्होंने हमारी मदद की. हमने तृणमूल के लोगों को यह सब (आरोप लगाने) के लिए मना लिया. उन्होंने (शिकायतकर्ताओं ने) कभी मना नहीं किया, उन्होंने वह सब किया जो हमने उनसे करने को कहा. उन्होंने (अधिकारी ने) हमसे कहा था कि अगर हम ऐसा नहीं कर सके, अगर हम बड़े लोगों (क्षेत्र के तृणमूल वरिष्ठ नेताओं) को गिरफ्तार नहीं करवा सके, तो हम यहां (जीवित) नहीं रह पाएंगे."
उन्होंने आगे कहा, "मुझे यह सब बहुत चालाकी से करना पड़ा. हमने कहा कि यह (कथित बलात्कार और यातना) सात-आठ महीने पहले हुआ था. हमें कड़ी मेहनत करनी पड़ी."
#WATCH : Viral Video
Is this the SANDESHKHALI TRUTH?
Excerpt of a 32 minute long sting operation on a #BJP worker from #Sandeshkhali. He is Gangadhar Koyal, the BJP Mondol Sabhapati from Sandeshkhali Block 2. The man could be purportedly seen approving that “there wasn’t any… pic.twitter.com/VmbE0LqmY3
— Tamal Saha (@Tamal0401) May 4, 2024
तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी और राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी सहित पार्टी के अन्य नेताओं ने इस वीडियो पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की. मुख्यमंत्री ने पहले X (ट्विटर) पर अपनी बात रखी और फिर शनिवार को नदिया के चकदह और तहपुर में जनसभाओं में विस्तार से बात की.
उन्होंने X पर लिखा, "स्टिंग से पता चलता है कि भाजपा के भीतर सड़ांध कितनी गहरी है. बंगाल की प्रगतिशील सोच और संस्कृति के प्रति अपनी नफरत में, बंगाल विरोधियों ने हर संभव स्तर पर हमारे राज्य को बदनाम करने की साजिश रची. भारत के इतिहास में इससे पहले कभी भी दिल्ली में सत्तारूढ़ पार्टी ने पूरे राज्य और उसके लोगों को बदनाम करने की कोशिश नहीं की. इतिहास गवाह होगा कि कैसे बंगाल दिल्ली के षड्यंत्रकारी शासन के खिलाफ रोष में उठेगा और उनके विसर्जन (हार) को सुनिश्चित करेगा."
शुभेंदु अधिकारी ने अपनी प्रारंभिक प्रतिक्रिया में अधिक सतर्कता बरती और वीडियो की सामग्री के बारे में सीधे कुछ भी कहने से परहेज किया. उन्होंने कहा, "मैंने वीडियो नहीं देखा है. मैं पता लगाऊंगा कि यह किसकी आवाज है और फिर इस मामले पर बोलूंगा." बाद में शनिवार को, उन्होंने कहा कि सच्चाई को "तोड़ा-मरोड़ा जा सकता है और एक भ्रामक संस्करण प्रसारित किया जा सकता है." उन्होंने कहा, "लेकिन इसकी शेल्फ लाइफ बहुत, बहुत कम है. अंततः, सच्चाई की जीत होती है." अधिकारी ने कहा, "मैं सीबीआई से संपर्क करूंगा और पूरी जांच की मांग करूंगा ताकि दोषियों को दंडित किया जा सके."
The shocking Sandeshkhali sting shows how deep the rot is within the BJP. In their hatred for Bengal's progressive thought & culture, the Bangla-Birodhis orchestrated a conspiracy to defame our state on every possible level.
Never before in the history of India has a ruling… https://t.co/50QUParP16
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) May 4, 2024
संदेशखाली की पहली शिकायतकर्ताओं में से एक और अब भाजपा की बशीरहाट से उम्मीदवार, रेखा पात्रा ने वीडियो को तृणमूल की "चाल" बताया. उन्होंने कहा, "वीडियो नकली है, इसमें कोई सच्चाई नहीं है. कोयल भाजपा के आदमी हैं, वह यह सब कभी नहीं कह सकते." लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि तृणमूल कांग्रेस ने "कोयल को यह सब कहने की धमकी दी होगी".
वीडियो में भाजपा मंडल अध्यक्ष गंगाधर कोयल हर चीज का श्रेय शुभेंदु अधिकारी को देते हुए दिखाई दे रहे हैं. वीडियो में वह कहते हैं, "यह वह (अधिकारी) थे जिन्होंने नियंत्रण किया... संदेशखाली आंदोलन इतने लंबे समय तक क्यों चला? वह अभी भी डटे हुए हैं, इसलिए. इतने लंबे समय तक इस आंदोलन को बनाए रखने की क्षमता किसी और में नहीं है." जब साक्षात्कारकर्ता उनसे पूछता है कि क्या अधिकारी ने मोबाइल फोन और पैसे भेजे थे, तो वह जवाब देते हैं, "खाली हाथ यह सब नहीं कर सकते."
कोयल को यह कहते हुए भी सुना जा सकता है कि कुछ महिलाएं शिकायत करने से पीछे हट गईं क्योंकि वे पुलिस स्टेशनों में जाने और उसके बाद होने वाली जांच से डरती थीं. वीडियो में एक महिला यह कहती हुई दिखाई दे रही है कि वह पीछे हट गई क्योंकि उसे ठीक से निर्देश नहीं दिए गए थे. भाजपा संदेशखाली ब्लॉक- I के अध्यक्ष शांति डोलुई साक्षात्कारकर्ता के साथ सहमति में सिर हिलाते हुए दिखाई दे रहे हैं जब उनसे पूछा गया कि क्या बाद में केंद्रीय एजेंसियों द्वारा बरामद की गई पिस्तौलें "प्लांट" की गई थीं. वीडियो में पुरुष साक्षात्कारकर्ता की पहचान नहीं हो पाई है लेकिन, कोयल और अन्य लोगों की बॉडी लैंग्वेज से ऐसा लगता है कि वे उसके साथ सहज हैं और उसे जानते हैं.
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बाद में चकदह में कहा, "आपने संदेशखाली पर एक अच्छा नाटक लिखा." उन्होंने कहा, "तथ्य सामने आ गया है. मैं आप सभी से कुछ समय से कह रही हूं कि यह एक साजिश है और भाजपा द्वारा रचित नाटक है. मैंने मीडिया से इस खुलासे के बारे में सुना है और इसे खुद विस्तार से नहीं देखा है लेकिन मैं इसे जरूर देखूंगी." उन्होंने इसे राज्यपाल सीवी आनंद बोस के खिलाफ छेड़छाड़ के आरोपों से जोड़ते हुए कहा, "केंद्र के प्रतिनिधि, माननीय राज्यपाल, क्या आपने देखा है कि उन्होंने क्या किया है, वह राजभवन के कर्मचारियों के साथ क्या करते हैं, लड़कियों को बुलाते हैं और उनके साथ छेड़छाड़ करते हैं? और फिर मोदी वहां रात बिताते हैं और चले जाते हैं. वह व्यक्ति जो संदेशखाली पर एक बड़ा संदेश देता है: आपने राज्यपाल को एक संदेश क्यों नहीं दिया?"
कोयल ने बाद में "वायरल वीडियो को एक साजिश और एक साजिश" बताया. उन्होंने कहा, "उन्होंने मेरी आवाज को नकली बनाने के लिए तकनीक का इस्तेमाल किया है. यह मुझे, मेरी पार्टी, संदेशखाली की माताओं और मेरे नेता (अधिकारी) को बदनाम करने की चाल है."