
नयी दिल्ली, 10 फरवरी: सियासी गलियारों में कई मौके ऐसे आते हैं, जब दलों की दीवारें ढह जाती हैं. सहमतियों, असहमतियों और राजनीतिक मतभेदों पर इंसानी रिश्ते भारी पड़ जाते हैं. ऐसा ही एक मंजर संसद के उच्च सदन में मंगलवार को देखने को मिला जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) विरोधी दल कांग्रेस पार्टी के नेता गुलाम नबी आजाद की विदाई के दौरान भावुक हो उठे. भावना ऐसी छलकी कि शब्द के बदले, सैल्यूट करके गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) के कामों की सराहना पीएम ने की. वहीं आजाद भी अपने संबोधन में भावुक हो गए. हालांकि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है, इससे पहले भी विपक्षी दल के नेताओं की विदाई पर पीएम मोदी भावुक हो चुके हैं.
गुलाम नबी आजाद की विदाई पर प्रधानमंत्री ने कहा, "गुलाम नबी जी का आदर मैं घटनाओं और आदर के आधार पर करता हूं. मुझे पूरा विश्वास है, उनकी सौम्यता, उनकी नम्रता, देश के लिए कुछ कर गुजरने की उनकी कामना, वो कभी उनको चैन से बैठने नहीं देगी. वे जहां भी, जो भी दायित्व संभालेंगे, वे जरूर वैल्यू एडिशन करेंगे और देश उससे लाभान्वित होगा." पीएम की बात पर भावुक हुए आजाद ने कहा, "प्रधानमंत्री जी ने जिस तरह से भावुक होकर मेरे बारे में कुछ शब्द कहे, मैं बड़ी सोच में पड़ गया कि क्या कहूं? सबसे ज्यादा धन्यवाद मैं प्रधानमंत्री का करता हू, कि आपने यहां सबको सुना और दो घंटे से ज्यादा समय दिया." यह भी पढ़ें :