
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच मंगलवार को टेलीफोन पर बातचीत हुई. इस चर्चा का मुख्य विषय था रूस-यूक्रेन युद्ध में 30 दिन की संघर्षविराम योजना, जो अब अपने चौथे वर्ष में प्रवेश कर चुका है. व्हाइट हाउस के डिप्टी चीफ ऑफ स्टाफ डैन स्कैविनो ने बताया कि यह बातचीत जारी है और अब तक अच्छी तरह से आगे बढ़ रही है. यह फोन कॉल स्थानीय समयानुसार सुबह 10 बजे शुरू हुई और एक घंटे से अधिक समय तक चली.
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इस बातचीत में दोनों नेताओं ने युद्ध को समाप्त करने के संभावित तरीकों पर चर्चा की. अमेरिका पहले ही यूक्रेन को संकेत दे चुका है कि उसे युद्ध के दौरान रूस द्वारा कब्जा की गई अपनी संपूर्ण भूमि वापस मिलने की संभावना कम है.
इस संघर्षविराम वार्ता को लेकर यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने संशय जताया है. उनका मानना है कि सबसे पहले युद्ध को पूरी तरह से रोका जाना चाहिए, उसके बाद ही किसी भी तरह की शांति वार्ता संभव हो सकती है. वहीं, यूक्रेन की सरकार ने रूस से "बिना शर्त" संघर्षविराम को स्वीकार करने की मांग की है.
यूक्रेन के विदेश मंत्री आंद्रिय सिबिगा ने कहा, "अब समय आ गया है कि रूस यह साबित करे कि वह वास्तव में शांति चाहता है." लेकिन ज़ेलेंस्की का कहना है कि पुतिन का उद्देश्य केवल सैन्य रूप से खुद को मजबूत कर बेहतर स्थिति में आना है, जिससे रूस को अधिक लाभ मिल सके.
गौरतलब है कि इससे पहले पांच हफ्ते पहले भी ट्रंप और पुतिन के बीच लंबी बातचीत हुई थी. उस समय ट्रंप ने अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा टीम को निर्देश दिया था कि वे रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के लिए "तुरंत" बातचीत शुरू करें. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इस बार यह वार्ता क्या नया मोड़ लाती है और क्या वाकई संघर्षविराम की कोई ठोस योजना सामने आ सकती है?