
Ramadan Eid Moon Sighting 2025: रमजान का पाक महीना जारी है, और सऊदी अरब, UAE समेत खाड़ी देशों में आज रमजान का 19वां रोजा है. वहीं भारत समेत पड़ोसी देश पाकिस्तान में आज 18वां रोजा है. इन सभी देशों में रमजान का दूसरा अशरा चल रहा है. रमजान का महीना ख़त्म होने को अब लगभग 12 से 13 दिन दूर है और तीसरा अशरा जैसे ही शुरू होगा, लोग ईद के चांद का इंतजार करने लगेंगे.
सऊदी अरब में ईद का चांद कब आएगा नजर?
यदि सऊदी अरब, UAE समेत खाड़ी देशों में 29 मार्च को ईद के चांद का दीदार हुआ तो 30 मार्च को ईद-उल-फितर की नमाज अदा की जाएगी. वहीं भारत में यदि 30 मार्च को चांद नजर आया, तो ईद की नमाज 31 मार्च को पढ़ी जायेगी. यह भी पढ़े: Ramadan 2025 Sehri and Iftar Time: रमजान का 17वां रोजा, जानें दिल्ली, मुंबई, लखनऊ समेत अन्य शहरों में आज कितने बजे की जाएगी इफ्तार और कल का सहरी का टाइम
सऊदी अरब में पिछले साल 2024 में 10 अप्रैल को थी ईद
पिछले साल 2024 में सऊदी अरब में 10 अप्रैल को ईद मनाई गई थी. सऊदी अरब और UAE में 9 अप्रैल को ईद का चाँद देखा गया था और 10 अप्रैल को ईद-उल-फितर की नमाज अदा की गई थी. भारत में 11 अप्रैल को ईद मनाई गई थी.
नमाज से पहले दिया जाता है फितराह
रमजान के महीने में ईद-उल-फितर की नमाज अदा करने से पहले मुसलमानों पर फितराह का दान देना अनिवार्य होता है। यह दान गरीबों और जरूरतमंदों को दिया जाता है ताकि वे भी ईद की खुशी में शामिल हो सकें .
जकात
इसके अलावा, जकात भी एक महत्वपूर्ण धार्मिक कर्तव्य है. जकात उन मुसलमानों पर अनिवार्य होती है जिनके पास निर्धारित सीमा से अधिक संपत्ति होती है. उसके ऊपर जकात फर्ज हैं.
जकात की राशि
मुसलमानों को अपनी संपत्ति का 2.5% (या 1/40वां हिस्सा) जकात के रूप में देना होता है. यह राशि उनके पूरे वर्षभर के पास रखे गए बचत, व्यापार और अन्य संपत्ति पर लागू होती है. यह दान गरीबों, जरूरतमंदों, और समाज के अन्य कमजोर वर्गों के बीच वितरित किया जाता है.
कब देना होता है जकात?
जकात किसी भी समय दी जा सकती है, लेकिन रमजान के महीने में इसे देना विशेष रूप से अधिक फायदेमंद माना जाता है, क्योंकि इस समय दी गई जकात का महत्व और सवाब ज्यादा होता है.