नई दिल्ली, 15 सितम्बर: समाजवादी पार्टी के सांसद रामगोपाल यादव (Ram Gopal Yadav) और कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने मंगलवार को राज्यसभा में बेरोजगारी के कारण लोगों के आत्महत्या करने का मुद्दा उठाया. यादव ने मांग की कि नौकरी गंवाने वाले लोगों को प्रति माह 15,000 रुपये दिए जाएं. यादव की मांग का समर्थन करते हुए, कांग्रेस सांसद आनंद शर्मा ने कहा कि केंद्र को इस मामले को देखना चाहिए और ऐसे लोगों को वित्तीय सहायता प्रदान करनी चाहिए. कांग्रेस लॉकडाउन के दौरान प्रवासियों की मौतों का कोई आंकड़ा नहीं होने के लिए पहले ही सरकार की आलोचना कर चुकी है.
कांग्रेस नेता पी.एल. पुनिया ने भी मनरेगा मजदूरों के मामले को उठाया और मांग की कि मजदूरी को बढ़ाकर 300 रुपये प्रतिदिन किया जाए, जबकि कांग्रेस की एक अन्य सदस्य छाया वर्मा ने मनरेगा में एक साल में काम के दिनों की संख्या बढ़ाकर 200 करने की मांग की.
कांग्रेस ने पिछले हफ्ते एशियाई विकास बैंक (एडीबी) और अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (International Labor Organization) की रिपोर्ट के हवाले से सरकार पर निशाना साधा था, जिसमें अनुमान लगाया गया है कि कोरोनावायरस के प्रसार के छह महीने में देश में बेरोजगारी की दर 32.5 प्रतिशत होने की आशंका है. इसके आगे, एक रिपोर्ट में कहा गया है कि तीन महीनों में युवा बेरोजगारी की दर 29.5 प्रतिशत होगी. 2019 में यह दर 23.3 प्रतिशत थी.
वहीं, सरकार ने दावा किया कि मनरेगा योजना के तहत, जून में देश भर में औसतन 3.42 करोड़ लोगों को रोजाना काम मिला, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 83.87 प्रतिशत अधिक है. केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, मई में मनरेगा के तहत औसतन 2.51 करोड़ लोगों को काम मिला, जो पिछले साल की इसी अवधि के 1.45 करोड़ के औसत आंकड़े से 73 प्रतिशत अधिक है. इसलिए, इस योजना के तहत मई में रोजगार में 73.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई.