LIVE: जर्मन अदालत के फैसले के बाद 'प्रवासन नीति' पर मैर्त्स सरकार की आलोचना
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit: Image File)

ग्रीन और लेफ्ट पार्टियों के नेताओं ने चांसलर फ्रीडरिष मैर्त्स के नेतृत्व वाले रूढ़िवादी गठबंधन पर प्रवासन में अराजकता पैदा करने का आरोप लगाया है.- जर्मनी की अनालेना बेयरबॉक चुनी गईं यूएन महासभा की अध्यक्ष

- डीएमके सांसद कनिमोझी बोलीं, “विविधता में एकता है भारत की राष्ट्रीय भाषा”

- भारत में 4,000 से ज्यादा हुए कोविड-19 के सक्रिय मामले

- गाजा में सहायता स्थल के पास "इस्राएली गोलीबारी" में कम से कम 27 फिलिस्तीनियों की मौत

इंडिया गठबंधन की 16 पार्टियों ने संसद का विशेष सत्र बुलाने के लिए लिखा पत्र

इंडिया गठबंधन की 16 पार्टियों ने मंगलवार, 3 जून को संसद का विशेष सत्र बुलाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है. विपक्षी पार्टियां विशेष सत्र में पहलगाम हमले, ऑपरेशन सिंदूर और ट्रंप की युद्धविराम की घोषणा पर चर्चा करना चाहती हैं. कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, डीएमके, शिवसेना उद्धव ठाकरे और आरजेडी आदि पार्टियों ने मिलकर यह मांग उठाई है.

तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा, “पत्र में पुंछ, उड़ी, राजौरी और संसद में मुक्त चर्चा करने की बात कही गई है. सरकार संसद के प्रति जिम्मेदार है और संसद जनता के प्रति जिम्मेदार है. इसलिए हम संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग कर रहे हैं.” उन्होंने बताया कि विशेष सत्र की मांग के लिए आम आदमी पार्टी बुधवार को अलग से पत्र लिखेगी.

कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा, “पहलगाम से लेकर ऑपरेशन सिंदूर और अमेरिका द्वारा युद्धविराम की घोषणा तक, हमें इस बारे में संसद में चर्चा करनी चाहिए. हमें संसद में आतंकवाद के खात्मे और भविष्य की रणनीतियों पर भी चर्चा करनी चाहिए. अब भारत सरकार दुनिया भर के सामने अपने विचार रख रही है तो मुझे लगता है कि सरकार को संसद में भी ऐसा करना चाहिए.”

जर्मन अदालत के फैसले के बाद 'प्रवासन नीति' पर मैर्त्स सरकार की आलोचना

जर्मनी में ग्रीन और लेफ्ट पार्टियों के नेताओं ने चांसलर फ्रीडरिष मैर्त्स के नेतृत्व वाले रूढ़िवादी गठबंधन पर प्रवासन में अराजकता पैदा करने का आरोप लगाया है. यह आरोप सोमवार को बर्लिन की एक अदालत के फैसले के बाद आया है, जिसमें सरकार द्वारा आदेशित शरण चाहने वालों को सीमा पर "वापस भेजने" के उपाय को अवैध घोषित किया गया है.

ग्रीन पार्टी के नेता फेलिक्स बनाशाक ने मंगलवार को फुंके मीडिया समूह से बात करते हुए कहा, "यह बहुत चिंताजनक है अगर लोग लगातार कानूनी ढांचे को उसकी सीमा तक आजमाने की कोशिश कर रहे हैं और इस प्रक्रिया में कानून तोड़ने को भी तैयार हैं."

बनाशाक ने कहा कि गठबंधन सरकार का नेतृत्व कर रहे रूढ़िवादी ट्रंप के तरीके से अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहे थे, जिसमें भड़काऊ घोषणाएं करना और ऐसे आदेश देना शामिल था जो स्पष्ट रूप से कानूनी रूप से जरूरी नहीं थे. उन्होंने कहा कि प्रवासन नीति में वास्तविक सुधार लाने के प्रयासों के बीच यूरोपीय कानून को कमजोर करने वाले उपाय मददगार नहीं हैं, बल्कि केवल अराजकता पैदा करते हैं.

सोमवार को बर्लिन प्रशासनिक न्यायालय ने फैसला सुनाया कि गृह मंत्री आलेक्जांडर डॉबरिंट द्वारा जर्मन सीमा पर शरण चाहने वालों को वापस भेजना कानून के खिलाफ था. हालांकि, डॉबरिंट ने कहा है कि वह इस नीति को जारी रखेंगे, यह दावा करते हुए कि यह फैसला केवल एक विशिष्ट मामले से संबंधित था.

बिल गेट्स अफ्रीका को देंगे 200 अरब डॉलर के फंड का अधिकांश हिस्सा

अमेरिकी अरबपति बिल गेट्स ने मंगलवार को घोषणा की कि उनके 'बिल एंड मेलिंडा गेट्स' फाउंडेशन के 200 अरब डॉलर (लगभग 175 अरब यूरो) के दान का अधिकांश हिस्सा अगले दो दशकों में अफ्रीका में खर्च किया जाएगा. गेट्स ने इथियोपिया के अदीस अबाबा में अफ्रीकी नेताओं को संबोधित करते हुए यह बात कही.

गेट्स ने कहा, "मैंने हाल ही में एक प्रतिबद्धता की है कि मेरी संपत्ति अगले 20 वर्षों में दान कर दी जाएगी. उस फंडिंग का अधिकांश हिस्सा यहां अफ्रीका में चुनौतियों का समाधान करने में आपकी मदद करने पर खर्च किया जाएगा." उन्होंने नेताओं से साझेदारी और नवाचार के माध्यम से स्वास्थ्य और विकास को बढ़ावा देने का आग्रह किया.

गेट्स ने सरकारी अधिकारियों, राजनयिकों और स्वास्थ्य कर्मियों से कहा, "स्वास्थ्य और शिक्षा के माध्यम से मानव क्षमता को उजागर करके, अफ्रीका का हर देश समृद्धि के मार्ग पर होना चाहिए... और उस मार्ग का हिस्सा बनना एक रोमांचक बात है." गेट्स ने इससे पहले 8 मई को कहा था कि वह 2045 तक फाउंडेशन को बंद कर देंगे.

पाकिस्तानी टिकटॉकर सना यूसुफ की घर में गोली मारकर हत्या

पाकिस्तान में 17 साल की सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर सना यूसुफ की इस्लामाबाद स्थित उनके घर में गोली मारकर हत्या कर दी गई. पुलिस को संदेह है कि यह हत्या कथित तौर पर परिवार की इज्जत बचाने के नाम पर की गई है. सना यूसुफ सोशल मीडिया पर रील्स और लाइफस्टाइल कंटेंट बनाने के लिए जानी जाती थीं. उनके टिकटॉक पर लगभग आठ लाख और इंस्टाग्राम पर लगभग पांच लाख फॉलोअर्स थे.

पुलिस ने यूसुफ की मां की शिकायत के बाद एक अज्ञात संदिग्ध के खिलाफ मामला दर्ज किया है. सुंबल पुलिस स्टेशन के स्टेशन हाउस ऑफिसर मलिक आसिफ ने डीडब्ल्यू को बताया कि हत्या पीड़िता के घर के अंदर हुई है और ऐसा लगता है कि इसे किसी ऐसे व्यक्ति ने अंजाम दिया है, जिसे वह जानती थी.

समाचार वेबसाइट डॉन ने शुरुआती पुलिस जानकारी का हवाला देते हुए बताया कि एक व्यक्ति सोमवार शाम 5 बजे के आसपास घर में घुसा और सना को दो बार सीने में गोली मारी. उन्हें अस्पताल ले जाया गया, लेकिन चोटों के कारण उनकी मौत हो गई. संदिग्ध घटनास्थल से भाग गया और उसकी सार्वजनिक रूप से पहचान होनी अभी बाकी है.

पाकिस्तान में जेल से भागे 200 से ज्यादा कैदी, भूकंप आने का फायदा उठाया

पाकिस्तान में कराची स्थिल एक जेल से 200 से ज्यादा कैदी भाग निकले. स्थानीय अधिकारियों ने बताया कि भूकंप के कई झटके महसूस होने के बाद कैदियों को उनकी सेल से बाहर आने की अनुमति दी गई थी. न्यूज एजेंसी डीपीए के मुताबिक, इसके बाद कैदी जेलकर्मियों पर हावी हो गए, एक दरवाजा तोड़ दिया और मंगलवार तड़के सुबह जेल से फरार हो गए.

सिंध प्रांत के गृह मंत्री ने बताया कि इसके बाद जेल अधिकारियों ने पुलिस और पैरामिलिट्री से मदद मांगी और फरार हुए करीब 80 कैदियों को जेल के पास से ही पकड़ लिया गया. सिंध पुलिस के मुखिया गुलाम नबी मेमन ने बताया कि बाकी फरार कैदियों को पकड़ने के लिए पुलिस की दर्जनों टीमों को लगाया गया है.

मेमन ने बताया कि फरार हुए ज्यादातर कैदी छोटे अपराधों के लिए जेल की सजा काट रहे थे और उनमें कोई हाई-प्रोफाइल अपराधी या आतंकवादी नहीं था. उन्होंने कहा कि गोलीबारी में कम से कम एक कैदी की मौत हुई है और तीन जेलकर्मी भी घायल हुए हैं.

असम में बाढ़ से प्रभावित हुए 22 जिलों के 5 लाख लोग, 11 की मौत

असम में बाढ़ और भूस्खलन के चलते अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है. राज्य के 22 जिलों के 5.15 लाख से ज्यादा लोग बाढ़ के चलते प्रभावित हुए हैं. बह्मपुत्र, बराक और अन्य सहायक नदियां कई जगहों पर खतरनाक स्तर से ऊपर बह रही हैं. करीब 1.85 लाख लोगों ने बाढ़ग्रस्त इलाकों में लगाए गए 322 राहत शिविरों में शरण ली हुई है.

बाढ़ के चलते 22 जिलों के 1254 गांव प्रभावित हुए हैं. 12 हजार हेक्टेयर से ज्यादा कृषि भूमि बाढ़ के पानी में डूब गई है, जिससे खेती को काफी नुकसान हुआ है. बाढ़ के चलते 4.5 लाख से ज्यादा जानवर भी प्रभावित हुए हैं. बाढ़ के पानी ने बुनियादी ढांचे को भी नुकसान पहुंचाया है. सोमवार को बाढ़ के पानी के चलते 49 सड़कों, चार पुलों और तीन तटबंधों को नुकसान पहुंचा.

बाढ़ के चलते श्रीभूमि जिला सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है. यहां 1.94 लाख लोग प्रभावित हुए हैं. इसके अलावा, कछार में करीब 78 हजार, नागांव में करीब 68 हजार, लखीमपुर में करीब 47 हजार, हैलाकांडी में करीब 30 हजार, डिब्रूगढ़ में करीब 20 हजार और तिनसुकिया में करीब 19 हजार लोग प्रभावित हुए हैं.

भारी बारिश के चलते असम, मणिपुर, त्रिपुरा, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में कई इलाकों में बाढ़ आ गई है. नदियों का जलस्तर बढ़ गया है और भूस्खलन की घटनाएं भी देखी जा रही हैं. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने 2 जून को बताया कि पूर्वोत्तर राज्यों में अगले दो दिन तक भारी से बहुत भारी बारिश जारी रहने की संभावना है.

संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने की गाजा सहायता स्थल पर हुई मौतों की जांच की मांग

संयुक्त राष्ट्र महासचिव अंटोनियो गुटेरेश ने गाजा में एक सहायता वितरण स्थल के पास दर्जनों फिलिस्तीनियों की मौत की स्वतंत्र जांच की मांग की है, जिस पर इस्राएल की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया आई है. गुटेरेश ने सोमवार को एक बयान में कहा कि वह गाजा में सहायता प्राप्त करने की कोशिश करते समय फिलिस्तीनियों के मारे जाने और घायल होने की खबरों से स्तब्ध हैं.

यूएन महासचिव के बयान में कहा गया है, "यह अस्वीकार्य है कि फिलिस्तीनी भोजन के लिए अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं." गुटेरेश ने कहा, "मैं इन घटनाओं की तत्काल और स्वतंत्र जांच की मांग करता हूं और दोषियों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए."

इस्राएल के विदेश मंत्रालय ने गुटेरेश के बयान को "शर्मनाक" बताते हुए निंदा की और हमास के फिलिस्तीनी आतंकवादी समूह की भूमिका को नजरअंदाज करने के लिए उनकी आलोचना की.

इस्राएली विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ओरेन मार्मोरस्टीन ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा कि गुटेरेश के बयान में इस तथ्य का उल्लेख नहीं किया गया कि हमास ही नागरिकों पर गोलीबारी कर रहा है और उन्हें सहायता पैकेज लेने से रोकने की कोशिश कर रहा है.

गाजा में सहायता स्थल के पास "इस्राएली गोलीबारी" में कम से कम 27 फिलिस्तीनियों की मौत

स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि दक्षिणी गाजा पट्टी में एक खाद्य वितरण स्थल के पास इस्राएली गोलीबारी में कम से कम 27 फिलिस्तीनी मारे गए और दर्जनों घायल हो गए.

इस्राएली सेना ने कहा कि उसके सुरक्षा बलों ने उन व्यक्तियों के एक समूह पर गोलीबारी की थी, जो राफा में वितरण केंद्र के पास एक निश्चित इलाके से बाहर चले गए थे. उन्होंने आगे कहा कि वे अभी भी जांच कर रहे हैं कि क्या हुआ था.

यह मौतें उत्तरी गाजा पट्टी में जारी लड़ाई में इस्राएल के तीन सैनिकों की मौत होने के कुछ घंटों बाद हुईं, क्योंकि उसके सुरक्षा बल हमास के खिलाफ महीनों से चल रहे अपने हमले को जारी रखे हुए हैं, जिसने एन्क्लेव के अधिकांश हिस्से को तबाह कर दिया है. हालांकि, समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने उत्तरी और दक्षिणी गाजा में इन रिपोर्टों की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं की है.

रविवार को फिलिस्तीनी और अंतरराष्ट्रीय अधिकारियों ने बताया कि लगातार जारी संघर्ष में कम से कम 31 लोग मारे गए और दर्जनों अन्य घायल हुए. सोमवार को इस्राएली गोलीबारी में तीन और फिलिस्तीनियों के मारे जाने की खबर मिली थी. इस्राएली सेना ने सहायता के लिए इकट्ठा हुए नागरिकों को निशाना बनाने से इनकार किया है और रविवार के वितरण के दौरान हुई मौतों की रिपोर्टों को मनगढ़ंत बताया है.

मंगोलिया के प्रधानमंत्री ने अविश्वास मत हारने के बाद दिया इस्तीफा

मंगोलिया के प्रधानमंत्री लुवसन्नमसराई ओयुन-एर्डीने ने मंगलवार को संसद में अविश्वास मत हारने के बाद इस्तीफा दे दिया. संसदीय बयान के अनुसार, यह फैसला भ्रष्टाचार के आरोपों के खिलाफ हफ्तों से चल रहे सार्वजनिक विरोध प्रदर्शनों के बाद आया है.

126 सीटों वाली संसद में ओयुन-एर्डीने को केवल 44 वोट मिले, जो पद पर बने रहने के लिए आवश्यक 64 वोटों से काफी कम थे. परिणामों की घोषणा के बाद, ओयुन-एर्डीने ने कहा, "महामारी, युद्धों और टैरिफ सहित कठिनाइयों के समय में अपने देश और लोगों की सेवा करना सम्मान की बात थी."

30 दिनों के भीतर उत्तराधिकारी की नियुक्ति होने तक वह कार्यवाहक भूमिका में बने रहेंगे. मतदान से पहले, ओयुन-एर्डीने ने चेतावनी दी थी कि अविश्वास प्रस्ताव अस्थिरता पैदा कर सकता है और देश में लोकतंत्र के लिए खतरा पैदा कर सकता है.

प्रधानमंत्री का इस्तीफा राजधानी उलानबटोर में युवाओं के नेतृत्व वाले कई दिनों के विरोध प्रदर्शनों के बाद आया है, जिसमें असमानता, भ्रष्टाचार और बढ़ती जीवन लागत को लेकर उन्हें पद से हटाने की मांग की जा रही थी. युवा नागरिक सुधार और जवाबदेही की मांग कर रहे थे.

कर्नाटक हाईकोर्ट ने कमल हासन को क्यों लगाई फटकार

कर्नाटक हाईकोर्ट ने अभिनेता कमल हासन को फटकार लगाई है और कन्नड़ भाषा पर उनकी विवादित टिप्पणी के लिए माफी मांगने पर विचार करने को कहा है. इंडिया टुडे के मुताबिक, जस्टिस एम नागप्रसन्ना ने कहा कि कमल हासन के बयान ने लोगों की भावनाओं को आहत किया है और “किसी भी नागरिक के पास भावनाओं को आहत करने का अधिकार नहीं है.”

कमल हासन ने कुछ दिन पहले अपनी फिल्म ‘ठग लाइफ’ से जुड़े एक कार्यक्रम में कहा था कि “कन्नड़ भाषा का जन्म तमिल से हुआ है.” कर्नाटक में उनके इस बयान का भारी विरोध हुआ था. कर्नाटक फिल्म चैंबर ऑफ कॉमर्स ने उनकी फिल्म के कर्नाटक में रिलीज होने पर रोक लगा दी थी. इसके खिलाफ कमल हासन ने हाईकोर्ट का रूख किया था.

इंडिया टुडे के मुताबिक, हाईकोर्ट ने कमल हासन के दावे पर सवाल उठाया. कोर्ट ने कहा, “ये परिस्थितियां कमल हासन द्वारा पैदा की गईं और उन्होंने कहा है कि वे माफी नहीं मांगेंगे. आपने (कमल हासन) कर्नाटक के लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है…किस आधार पर? क्या आप एक इतिहासकार हैं या एक भाषाविद् हैं?

कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर आप माफी नहीं मांगेंगे तो फिल्म को कर्नाटक में रिलीज क्यों करना चाहते हैं, इसे छोड़ दीजिए. कोर्ट ने कहा, “अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उपयोग जन भावनाओं को ठेस पहुंचाने तक नहीं किया जा सकता. आप माफी मांग लीजिए तो कोई दिक्कत नहीं होगी. आप कर्नाटक से कुछ करोड़ रुपये भी कमाना चाहते हैं.”

दक्षिण कोरिया में राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान जारी

दक्षिण कोरिया में मंगलवार को राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान शुरू हो गया है. स्थानीय समयानुसार सुबह 6 बजे मतदान शुरू हुआ और रात 8 बजे तक खत्म होने की उम्मीद है.

मुख्य विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता ली जे-म्युंग को इस चुनाव में सबसे आगे माना जा रहा है, जबकि रूढ़िवादी पीपल्स पावर पार्टी के किम मून सू दूसरे स्थान पर हैं.

क्यों हो रहे हैं चुनाव

यह चुनाव पूर्व राष्ट्रपति यून सुक योल का उत्तराधिकारी चुनने के लिए हो रहा है, जिन्हें पिछले साल दिसंबर में मार्शल लॉ लगाने के उनके असफल प्रयास के बाद महाभियोग द्वारा पद से हटा दिया गया था. यूं को 2022 के राष्ट्रपति चुनाव में जीतने के बाद पांच साल का कार्यकाल पूरा करना था, लेकिन 3 दिसंबर, 2024 को उन्होंने मार्शल लॉ घोषित कर दिया, जो 1987 में दक्षिण कोरिया के लोकतंत्र बनने के बाद से नहीं हुआ था.

इसके बाद, विपक्ष-नियंत्रित नेशनल असेंबली ने उसी महीने यूं के खिलाफ महाभियोग का प्रस्ताव पारित किया, जिससे उन्हें निलंबित कर दिया गया. संवैधानिक न्यायालय ने अप्रैल में इस फैसले को बरकरार रखा, जिससे यूं को औपचारिक रूप से पद से हटा दिया गया और देश को 60 दिनों के भीतर नए नेता के लिए चुनाव कराने पड़ रहे हैं.

अमेरिकी चुनौती

दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति चुनाव के विजेता को तुरंत संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन के साथ विदेश नीति की चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा. यह एशियाई देश पहले से ही ट्रंप प्रशासन से व्यापार और सुरक्षा मुद्दों पर दबाव में है.

दक्षिण कोरिया दुनिया के सबसे विकसित और धनी देशों में से एक है, लेकिन यह महिलाओं के अधिकारों के मामले में काफी पीछे है. विश्व आर्थिक मंच की नवीनतम ग्लोबल जेंडर गैप रैंकिंग में दक्षिण कोरिया आर्थिक भागीदारी में 146 देशों में से 112वें और महिलाओं की शिक्षा प्राप्ति में 100वें स्थान पर है.

भारत में 4,000 से ज्यादा हुए कोविड-19 के सक्रिय मामले

भारत के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की वेबसाइट पर मौजूद डैशबोर्ड के मुताबिक, भारत में कोविड-19 के सक्रिय मामलों की संख्या 4,000 के पार हो गई है. वहीं, 2700 लोगों को छुट्टी दे दी गई है. 1 जनवरी, 2025 से लेकर अब तक कोविड-19 के 37 मरीजों की मौत हो चुकी है. सबसे ज्यादा 10 मौतें महाराष्ट्र में, नौ केरल में और चार-चार मौतें कर्नाटक और दिल्ली में हुई हैं.

वर्तमान में कोविड-19 के सबसे ज्यादा सक्रिय मामले केरल (1416) में हैं. इसके बाद महाराष्ट्र में 494, गुजरात में 397, दिल्ली में 393, पश्चिम बंगाल में 372 और कर्नाटक में 311 सक्रिय मामले हैं. 2 जून को देश में कोविड-19 के 65 नए मामले सामने आए. वहीं, इस दौरान 500 से ज्यादा लोगों को छुट्टी दे दी गई.

डीएमके सांसद कनिमोझी बोलीं, “विविधता में एकता है भारत की राष्ट्रीय भाषा”

डीएमके सांसद कनिमोझी करुणानिधि से स्पेन में पूछा गया था कि भारत की राष्ट्रीय भाषा क्या है. इसके जवाब में कनिमोझी ने कहा कि भारत की राष्ट्रीय भाषा “विविधता में एकता” है. उन्होंने कहा कि यही वह संदेश है, जिसे उनका प्रतिनिधिमंडल दुनिया भर में पहुंचाना चाहता है.

यह बयान इसलिए अहम है क्योंकि कनिमोझी की पार्टी डीएमके कई बार केंद्र की बीजेपी सरकार पर तमिलनाडु पर हिंदी थोपने की कोशिश करने के आरोप लगा चुकी है. तमिलनाडु की राजनीति में यह एक बड़ा मुद्दा है. इसलिए कहा जा रहा है कि कनिमोझी ने विदेशी धरती पर पूछे गए सवाल का बेहद सधा हुआ जवाब दिया है.

कनिमोझी भारत सरकार द्वारा स्पेन समेत पांच देशों के दौरे पर भेजे गए प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रही हैं. स्पेन उनके दौरे का आखिरी पड़ाव है. इसके बाद प्रतिनिधिमंडल भारत वापस आ जाएगा. इस प्रतिनिधिमंडल में कनिमोझी के अलावा समाजवादी पार्टी सांसद राजीव राय, आम आदमी पार्टी के सांसद अशोक मित्तल, राष्ट्रीय जनता दल के सांसद प्रेम चंद गुप्ता, बीजेपी के सांसद बृजेश चौटा और पूर्व राजनयिक मंजीव सिंह पूरी शामिल हैं.

जर्मनी की अनालेना बेयरबॉक चुनी गईं यूएन महासभा की अध्यक्ष

जर्मनी की पूर्व विदेश मंत्री अनालेना बेयरबॉक को सोमवार को न्यूयॉर्क में हुए मतदान के बाद संयुक्त राष्ट्र महासभा का अध्यक्ष चुना गया. उन्हें गुप्त मतदान में 167 वोट मिले, जिसकी घोषणा सोमवार को की गई.

बेयरबॉक इस पद के लिए एकमात्र उम्मीदवार थीं और उन्होंने अपने चुनाव के लिए आभार जताते हुए कहा कि वह महासभा के लिए "एक ईमानदार ब्रोकर" बनना चाहती हैं.

बेयरबॉक 9 सितंबर को अपने पद की औपचारिक शपथ लेंगी, जो महासभा की सालाना बैठक से ठीक पहले होगा. उनका अध्यक्ष के तौर पर कार्यकाल एक साल का होगा.

लगभग 80 साल पहले संयुक्त राष्ट्र की स्थापना के बाद से वह यह पद संभालने वाली पांचवीं महिला हैंं संयुक्त राष्ट्र के सभी 193 सदस्य देश महासभा में प्रतिनिधित्व करते हैं.

संयुक्त राष्ट्र में यूक्रेन के प्रतिनिधि, एंड्री मेलनिक ने डीडबल्यू को बताया है कि उन्हें उम्मीद है कि संयुक्त राष्ट्र महासभा की नई अध्यक्ष अपनी नई स्थिति का उपयोग युद्ध को समाप्त करने के लिए कर पाएंगी.