
यूक्रेन की खुफिया एजेंसी SBU (सेक्योरिटी सर्विस ऑफ यूक्रेन) ने 3 जून को एक चौंकाने वाला खुलासा किया. उन्होंने बताया कि उन्होंने क्रीमिया ब्रिज जिसे केर्च ब्रिज भी कहा जाता है उसे तीसरी बार निशाना बनाया है, लेकिन इस बार समुद्र के नीचे से विस्फोट कर. इस ऑपरेशन में 1,100 किलोग्राम विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया, जो ब्रिज के अंडरवॉटर पिलर्स में लगाया गया था. यह धमाका सुबह करीब 4 बजे हुआ और करीब 3 घंटे तक पुल की आवाजाही बंद रही.
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SBU ने बयान में कहा, "हमने पहले दो बार क्रीमिया ब्रिज को निशाना बनाया था. 2022 और 2023 में. इस बार हमने इसे पानी के नीचे से उड़ाया. यह ऑपरेशन महीनों की तैयारी के बाद सफल हुआ."
केवल क्रीमिया ब्रिज ही नहीं, हाल ही में यूक्रेन ने ‘स्पाइडर वेब’ नामक ऑपरेशन के तहत रूस के दूर-दराज के एयरबेसों पर भी ड्रोन हमले किए थे. इन बेसों पर परमाणु हथियार ढोने वाले बमवर्षक विमान तैनात थे.
क्रीमिया ब्रिज पर लगाए 1100 किलो अंडरवाटर विस्फोटक
कैसे हुआ यह ‘स्पेशल ऑपरेशन’?
SBU ने अपने बयान में बताया कि इस अंडरवॉटर विस्फोटक ऑपरेशन की योजना कई महीनों से बनाई जा रही थी. हालांकि तकनीकी डिटेल्स उजागर नहीं की गईं, लेकिन सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि इसमें यूक्रेनी अंडरवॉटर ड्रोन या माइन सिस्टम का इस्तेमाल किया गया होगा.
SBU द्वारा जारी वीडियो में एक धमाका ब्रिज के खंभों के पास होते हुए देखा जा सकता है, जिससे यह सिद्ध होता है कि हमला काफी सटीक और योजनाबद्ध था.
रूस की प्रतिक्रिया
रूसी अधिकारियों ने इस हमले की स्पष्ट पुष्टि नहीं की, लेकिन यह जरूर बताया कि ब्रिज की गतिविधि सुबह कुछ घंटों के लिए रुकी रही. रूसी सैन्य ब्लॉगर्स ने दावा किया कि हमला असफल रहा और यह महज यूक्रेनी सी ड्रोन द्वारा किया गया प्रयास था. लेकिन सैटेलाइट इमेज और विस्फोट की लोकेशन की पुष्टि Reuters जैसी अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों ने की है, जिससे यूक्रेनी दावे को बल मिलता है.
रूस के लिए क्यों है यह ब्रिज इतना संवेदनशील?
क्रीमिया ब्रिज को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की "प्रतिष्ठा परियोजना" माना जाता है. इसे बनाना रूस की यूक्रेन पर पकड़ को दर्शाने का प्रतीक था. अब इसी ब्रिज पर बार-बार हमले रूस की कमजोरी उजागर कर रहे हैं. यह पुल रूसी सेना के लिए रसद सप्लाई का मुख्य मार्ग है, और यूक्रेन इसे बार-बार निशाना बनाकर रूस की सैन्य रीढ़ पर वार कर रहा है.
क्रीमिया ब्रिज, जिसे केर्च ब्रिज भी कहा जाता है, रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध में एक रणनीतिक हथियार बन चुका है. ये ब्रिज रूस को क्रीमिया प्रायद्वीप से जोड़ता है, जिसे रूस ने 2014 में अवैध रूप से यूक्रेन से कब्जा कर लिया था. यह पुल 19 किलोमीटर लंबा है और इसमें सड़क और रेलवे दोनों की सुविधाएं हैं. रूसी सेना ने 2022 में इसी ब्रिज के जरिए यूक्रेन के दक्षिणी इलाकों खेरसोन और Zaporizhzhia में घुसपैठ की थी.