Mahesh Navami 2025 Messages: हैप्पी महेश नवमी! दोस्तों-रिश्तेदारों संग शेयर करें ये भक्तिमय हिंदी WhatsApp Wishes, GIF Greetings और Quotes
महेश नवमी 2025 (Photo Credits: File Image)

Mahesh Navami 2025 Messages in Hindi: हमारे देश में रहने वाले माहेश्वरी समुदाय के लोग हर साल ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को महेश नवमी (Mahesh Navami) का त्योहार बड़े ही श्रद्धा और विश्वास के साथ मनाते हैं. मान्यता है कि इसी तिथि पर भगवान शिव (Bhagwan Shiv) के आशीर्वाद से माहेश्वरी समुदाय (Maheshwari Community) की उत्पत्ति हुई थी, इसलिए इस दिन महेश नवमी का त्योहार मनाया जाता है. इस साल महेश नवमी 4 जून 2025 को मनाई जा रही है. इस पावन तिथि पर पूरे विधि-विधान से भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है. भक्त भगवान शिव का अभिषेक करते हैं और उन्हें गंगाजल, फूल, बेलपत्र, भांग, धतूरा इत्यादि अर्पित किया जाता है. इसके साथ ही पूजन के दौरान विवाहित महिलाएं माता पार्वती को श्रृंगार की सामग्री अर्पित करती हैं.

माहेश्वरी समुदाय के लोगों के लिए महेश नवमी का दिन काफी महत्वपूर्ण होता है. इस अवसर पर मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना की जाती है, साथ ही धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियों का आयोजन किया जाता है. ऐसे में इस अवसर पर आप इन भक्तिमय हिंदी मैसेजेस, वॉट्सऐप विशेज, जीआईएफ ग्रीटिंग्स और कोट्स के जरिए अपने दोस्तों-रिश्तेदारों से हैप्पी महेश नवमी कह सकते हैं.

1- भगवान शिव की बनी रहे आप पर छाया,

पलट दे जो आपकी किस्मत की काया,

मिले आपको वो सब अपनी जिंदगी में,

जो कभी किसी ने भी ना पाया...

हैप्पी महेश नवमी

महेश नवमी 2025 (Photo Credits: File Image)

2- महेश जिनका नाम है,

कैलाश जिनका धाम है,

भोलेनाथ को, हमारा प्रणाम है,

हैप्पी महेश नवमी

महेश नवमी 2025 (Photo Credits: File Image)

3- शव हूं मैं भी शिव बिना,

शव में शिव का वास,

शिव मेरे आराध्य हैं,

मैं हूं शिव का दास...

हैप्पी महेश नवमी

महेश नवमी 2025 (Photo Credits: File Image)

4- भगवान शिव की बनी रहे आप पर छाया

पलट दे जो आपकी किस्मत की काया

मिले आपको वो सब अपनी जिंदगी में

जो कभी किसी ने भी ना पाया

हैप्पी महेश नवमी

महेश नवमी 2025 (Photo Credits: File Image)

5- आप और आपके परिवार पर
भगवान शंकर व गंगा मैया की
असीम कृपा बनी रहे!
हैप्पी महेश नवमी

महेश नवमी 2025 (Photo Credits: File Image)

पौराणिक कथा के अनुसार माहेश्वरी समाज के वंशज क्षत्रिय समाज से संबंध रखते थे. एक दिन शिकार करते समय ऋषियों ने उन्हें श्राप दे दिया. इसके बाद भगवान शिव ने इस पावन तिथि पर इस समाज को ऋषि के श्राप से मुक्त किया था और हिंसा के मार्ग के त्यागकर अहिंसा के मार्ग पर चलने की शिक्षा दी थी. माहेश्वरी समाज के पूर्वज क्षत्रिय समाज को छोड़कर वैश्य समाज में शामिल हो गए और महादेव ने इस समाज का नाम माहेश्वरी रखा. तब से माहेश्वरी समुदाय को एक व्यापारी समाज के रूप में जाना जाने लगा और इस तिथि पर महेश नवमी का त्योहार मनाया जाने लगा.