मिशन 2019: अखिलेश-मायावती को हराने के लिए अमित शाह ने बनाया 'मंदिर प्लान'
प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह (Photo: PTI)

नई दिल्ली: 2019 लोकसभा चुनावों को लेकर सरगर्मियां तेज हो गई है. इन चुनावों में उत्तर प्रदेश की भूमिका बेहद अहम मानी जा रही है. ऐसे में सभी सियासी दल सूबे में अपने समीकरण बनाने में जुटे हुए हैं. यूपी में सपा-बसपा-कांग्रेस का गठबंधन होना लगभग तय माना जा रहा है. बीजेपी ने भी इस गठबंधन का तोड़ तलाश कर लिया है. टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार बीजेपी ने विपक्ष के गठबंधन को मात देने के लिए बूथ लेवल पर मठों, मंदिरों और आश्रमों का डेटा जमा करना शुरू कर दिया है. अमित शाह के नेतृत्व में पार्टी ने एक लाख साठ हजार बूथ कमेटियां बनाई हैं. इन कमेटियों में दलित कार्यकर्ताओं को भी शामिल किया गया है.

बताया जा रहा है कि बीजेपी अपने रणनीति के तहत पहले धार्मिक स्थल के मुखिया से समर्थन मांगेगी. उनके जरिये उनके अनुयायियों तक पहुंचेगी. इतना ही नहीं अनुसूचित जाति और ओबीसी की जनसंख्या के बारे में भी पता लगाया जा रहा है. खबरों के अनुसार बूथ कार्यकर्ता इन लोगों के नाम नंबर और उनके प्रोफेशन के बारे में जानकारी जुटा रहे हैं. वही बीजेपी ने एक लाख साठ हजार बूथों का गठन कर लिया है.

बीजेपी ने पूरा जोर बूथ प्रबंधन, माइक्रो लेवल प्रचार पर लगा दिया है. पार्टी ऐसे लोगों का डेटा भी जुटा रही है जो चुनावों के दौरान लोगों को प्रभावित कर सकती है. बीजेपी के संगठन मंत्री सुनील बंसल ने कहा कि 2019 लोकसभा चुनाव के लिए प्रभावी रणनीति के माध्यम से सूचनाएं एकत्र की जा रही हैं.

बता दें कि 2014 लोकसभा चुनाव के दौरान 80 में से 73 सीटें मिली थी. पार्टी की बड़ी जीत में यूपी की जनता का बड़ा हाथ था. 2017 विधानसभा चुनावों में भी पार्टी को सूबे की जनता ने पूर्ण बहुमत दिया. मगर उसके बाद हुए उपचुनावों में बीजेपी ने तीन लोकसभा सीटें गंवा दी हैं.