Omicron: तेजी से फैल रहा है कोरोना का नया वेरिएंट, इस नए लक्षण को न करें नजरअंदाज
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Pixabay)

भारत में कोरोना (COVID-19) के मामले बेकाबू रफ्तार से बढ़ते जा रहे हैं. कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन (Omicron) ने पूरे देश में कहर मचा रखा है. विशेषज्ञों का कहना है कि देशभर में आने वाले कोरोना के नए मामलों में से अधिकांश ओमिक्रॉन वेरिएंट के ही हैं. दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई जैसे महानगरों के साथ-साथ तमाम शहरों में कोरोना की रफ्तार बेहद खतरनाक हो चुकी है. चिंता अधिक इसलिए भी बढ़ गई है क्यों कि इस समय देश में सीजनल फ्लू भी तेजी से फैल रहा है. ऐसे में सर्दी, बुखार, खांसी जैसे लक्षणों को देखकर लोग समझ नहीं पा रहे हैं कि यह कोरोना वायरस है या नहीं. Omicron: तेजी से बढ़ रही ओमिक्रॉन संक्रमितों की संख्या, मरीजों में मौत की संभावना को लेकर स्टडी में नया खुलासा.

हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि ओमिक्रॉन के टॉप 6 लक्षण- नाक बहना, सिरदर्द, थकान, छींकना, बुखार और गले में खराश है. इसके अलावा कुछ मरीजों में मतली, मांसपेशियों में दर्द, दस्त और त्वचा पर चकत्ते जैसे लक्षण भी दिख रहे हैं.

हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि ओमिक्रॉन वैक्सीन की दोनों डोज लगा चुके लोगों को भी प्रभावित कर रहा है. इसके अलावा कई मामलों में यह बूस्टर डोज लगा चुके लोगों को भी संक्रमित कर रहा है. हालांकि वैक्सीन लगा चुके लोगों में इसके हल्के लक्षण दिख रहे हैं जो 3 से 4 दिन में ठीक हो रहे हैं.

ब्रेन फॉग बन सकता है बड़ी समस्या 

अगर आपमें लक्षण चार से अधिक दिनों तक बने रहते हैं और कोविड-19 का संदेह है, तो इस बारे में डॉक्टर से सलाह लेकर इसकी जांच करा लें. इसके अलावा कोरोना के मरीजों में लगातार सिरदर्द और याददाश्त कमजोरी जैसे लक्षण भी दिख सकते हैं, इसे ब्रेन फॉग के रूप में जाना जाता है. कई मरीजों को अपने काम पर फोकस करने में कठिनाई का सामना भी करना पड़ सकता है. यह भी ब्रेन फॉग के कारण ही होता है. यह लक्षण ओमिक्रॉन वैरिएंट में भी देखने मिल रहा है.

अगर आपको ऐसे लक्षण नजर आ रहे हैं तो घरेलू उपचार के भरोसे न रहकर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें. यह समस्या वक्त पर इलाज न मिलने से बढ़ सकती है. ब्रेन फॉग की समस्या कोरोना से रिकवर होने के बाद भी दिख सकती है. अगर आपको हल्के लक्षण दिख रहे हैं जैसे सर्दी, खांसी तो इसका इलाज घर पर रहकर आसानी से किया जा रहा है. अपने शरीर का तापमान नियमित रूप से चेक करते रहें इसके अलावा ऑक्सीजन लेवल भी चेक करें. लक्षण दिखने पर डॉक्टर के परामर्श से उपचार करें.