मयूरभंज (Mayurbhanj) में एक किसान ने चार पहियों वाला इलेक्ट्रिक वाहन बनाया है जो सौर ऊर्जा से चलने वाली बैटरी पर चलता है. ओडिशा के मयूरभंज जिले के करंजिया उपमंडल के सुशील अग्रवाल ने कार का निर्माण किया है, जो 850 वॉट्स मोटर, 100 Ah / 54 वोल्ट की बैटरी द्वारा संचालित है और एक बार चार्ज होने पर 300 किमी चल सकती है. सुशील अग्रवाल ने एएनआई को बताया, "मेरे पास घर पर एक वर्कशॉप है. कोविड -19 लॉकडाउन के दौरान, मैंने इसे बनाने का काम करना शुरू कर दिया था. यह पूरे चार्ज के बाद 300 किलोमीटर तक चल सकता है". उन्होंने कहा कि बैटरी को साढ़े 8 घंटे में पूरी तरह से चार्ज किया जा सकता है " यह एक स्लो चार्ज होनेवाली बैटरी है. ऐसी बैटरी लंबे समय तक चलती है, यह 10 साल तक चलेगी,"
उन्होंने कहा कि इस वर्कशॉप में मोटर वाइंडिंग, इलेक्ट्रिकल फिटिंग और चेसिस(chassis ) सहित दो अन्य मैकेनिकों की मदद से काम किया गया और एक दोस्त ने मुझे इलेक्ट्रिक काम करने की सलाह दी. उन्हें वाहन पर काम पूरा करते हुए 3 महीने हो चुके हैं जो अभी भी अपने शुरुआती फ्रेम में है. उबाऊ लॉकडाउन के दौरान अपनी खुद की कार बनाने का विचार उनके दिमाग में आया और वह अपने वाहन के निर्माण के लिए एक-एक करके पार्ट्स को इकट्ठा करने लगे. अग्रवाल ने कहा, "जब लॉकडाउन लागू किया गया था, तो मैं अपने घर पर था. मुझे पता था कि लॉकडाउन हटने के बाद जल्द ही ईंधन की कीमतों में वृद्धि होगी. इसलिए मैंने अपनी कार बनाने का फैसला किया, जो मुझे बीजी भी रख सके. यह भी पढ़ें: Licypriya Kangujam ने सौर ऊर्जा से चलने वाले डिवाइस का किया आविष्कार, हवा को पानी में बदलता है SUKIFU-2, देखें तस्वीर
देखें ट्वीट:
Odisha: A farmer in Mayurbhanj has built a four-wheeled electric vehicle that runs on battery & charged using solar power
"I have a workshop at home. During COVID lockdown, I began working there to create this. It can run for 300km after full charge," said Sushil Agarwal (13.03) pic.twitter.com/psMT8YAdzA
— ANI (@ANI) March 14, 2021
उन्होंने कुछ बुक्स पढ़कर और यूट्यूब वीडियो देखकर वाहन का निर्माण किया है. गोपाल कृष्ण दास आरटीओ मयूरभंज ने कहा, "मुझे यह जानकर खुशी हुई कि उन्होंने लॉकडाउन दौरान सौर-बैटरी चालित वाहन डिजाइन और निर्माण करने की कोशिश की है. ऐसे पर्यावरण के अनुकूल वाहन जो ज्यादा प्रदूषण का कारण नहीं बनते हैं, वे मोटर वाहन का भविष्य हैं.