मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव (Madhya Pradesh Assembly Elections) में अगर कांग्रेस को जीत मिलती है तो कौन बनेगा मुख्यमंत्री. यह सवाल सभी के मन में आज से नहीं बल्कि चुनाव के घोषणा के बाद से ही शुरू हो गई थी. कांग्रेस में दो नाम चर्चा चर्चा के विषय थे एक ज्योतिरादित्य सिंधिया और दूसरे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ का नाम आगे है. चुनाव से ठीक पहके राहुल गांधी ने कमलनाथ को प्रदेश का अध्यक्ष बनाया था और मुख्यमंत्री पद के दूसरे दावेदार ज्योतिरादित्य सिंधिया को कैंपेन कमिटी का अध्यक्ष. दोनों नेताओं को अलग अलग मंच पर दो अलग अलग दावेदारों के तौर पर देखें जा रहे हैं.
विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) के परिणामों से पहले राजनीति चरम पर है. सभी प्रमुख दल और उनके वरिष्ठ नेता विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद पैदा होने वाली स्थिति से निपटने के लिए जुगाड़ में जुट गए है. ऐसे कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी कैसे इस मसले को डील करते हैं उसपर सबकी नजर होगी. फिलहाल कांग्रेस में अभी दोनों नेताओं ने चुप्पी साध रखी है.
मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री की रेस में सबसे ऊपर माधवराव सिंधिया के बेटे ज्योतिरादित्य सिंधिया है. इस शख्स ने सूबे के मुख्यमंत्री को तो कड़ी टक्कर दी है साथ ही पार्टी के अंदर अपने कद को बढ़ाया है. गुना के सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraaditya Sindhiya) ने मध्यप्रदेश की सियासत में खुद को तेजी से उभरा हैं. हालांकि पार्टी ने सूबे का कप्तान कमलनाथ को बनाया था मगर सिंधिया पर प्रचार की कमान सौंपी गई थी.
मध्यप्रदेश में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ (Kamal Nath) भी सीएम की रेस में आगे दौड़ रहें हैं. कमलनाथ 40 साल से ज्यादा वक्त से राजनीति में सक्रिय हैं. छिंदवाड़ा से सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री कमलनाथ की ताजपोशी से कांग्रेस एमपी में सत्ता हासिल करने का ख्वाब देख रही है, अब ये ख्वाब उसका पूरा होता है या नहीं, ये तो आने वाला वक्त बताएगा. मध्यप्रदेश में कमलनाथ ने कांग्रेस के प्रचार के लिए अपने दिन-रात एक किए हैं. यूं कहें कि वे बीजेपी को इस बार कांटे की टक्कर दे रहें हैं.