रूस में तालिबान के साथ मंच साझा करने पर उमर अब्दुल्ला ने मोदी सरकार पर कसा तंज, MEA ने दिया करारा जवाब
उमर अब्दुल्ला (Photo Credits: PTI)

नई दिल्ली: भारत और आतंकी संगठन तालिबान के एक साथ बातचीत की मेज पर बैठने के लिए जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने मोदी सरकार की जमकर आलोचना की. वहीं इसके जवाब में विदेश मंत्रालय ने भी बयान जारी कर बताया कि यह बैठक तालिबान के साथ नहीं होनेवाली है.

उमर ने ट्विटर के जरिए नई दिल्ली से सवाल किया था, 'यदि एक वार्ता में 'अनौपचारिक' भागीदारी जिसमें तालिबान शामिल है, मोदी सरकार को स्वीकार्य है तो जम्मू-कश्मीर के गैर-मुख्यधारा के हितधारकों के साथ एक 'अनाधिकारिक' वार्ता क्यों नहीं हो सकती? सरकार जम्मू-कश्मीर की कमजोर हुई स्वायत्तता एवं इसकी बहाली पर केंद्रित एक 'अनाधिकारिक' वार्ता क्यों नहीं शुरू करती?'

इसके जवाब विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा “हम जानते हैं कि रूस की सरकार की ओर से अफगानिस्‍तान पर नौ नवंबर को एक मीटिंग का आयोजन कर रहा है, भारत इस वार्ता में गैर-आधिकारिक तौर पर शामिल रहेगा. भारत की तरफ अफगानिस्‍तान में पूर्व राजदूत रहे अमर सिन्‍हा के अलावा पाकिस्‍तान में पूर्व भारतीय उच्चायुक्‍त टीसीए राघवन वार्ता में शामिल होंगे, लेकिन भारत के विदेश मंत्रालय का कोई अधिकारी इस बैठक में शामिल नहीं होगा.”

बात दें कि भारत शुक्रवार को अफगानिस्तान में अमन और शांति बहाल करने की कोशिश के तहत आतंकी संगठन तालिबान के साथ एक मंच पर साथ आने वाला है. यह बैठक रूस द्वारा आयोजित की जा रही है. ऐसा पहली बार हो रहा है जब भारत और तालिबान एक मंच साझा करने वाला है.

इस बैठक का उद्देश्य अफगानिस्तान में शांति बहाल करना है. इस बैठक में अफगान तालिबान के प्रतिनिधि भी हिस्सा लेंगे. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस बैठक में अमेरिका, चीन और पाकिस्तान के प्रतिनिधि भी शामिल हों सकते है.