नई दिल्ली: भारत और आतंकी संगठन तालिबान के एक साथ बातचीत की मेज पर बैठने के लिए जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने मोदी सरकार की जमकर आलोचना की. वहीं इसके जवाब में विदेश मंत्रालय ने भी बयान जारी कर बताया कि यह बैठक तालिबान के साथ नहीं होनेवाली है.
उमर ने ट्विटर के जरिए नई दिल्ली से सवाल किया था, 'यदि एक वार्ता में 'अनौपचारिक' भागीदारी जिसमें तालिबान शामिल है, मोदी सरकार को स्वीकार्य है तो जम्मू-कश्मीर के गैर-मुख्यधारा के हितधारकों के साथ एक 'अनाधिकारिक' वार्ता क्यों नहीं हो सकती? सरकार जम्मू-कश्मीर की कमजोर हुई स्वायत्तता एवं इसकी बहाली पर केंद्रित एक 'अनाधिकारिक' वार्ता क्यों नहीं शुरू करती?'
If “non-official” participation in a dialogue that includes the taliban is acceptable to the Modi government why not a “non-official” dialogue with non-mainstream stake holders in J&K? Why not a “non-official” dialogue centered around J&K’s eroded autonomy & its restoration? https://t.co/722SrqKkvo
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) November 8, 2018
इसके जवाब विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा “हम जानते हैं कि रूस की सरकार की ओर से अफगानिस्तान पर नौ नवंबर को एक मीटिंग का आयोजन कर रहा है, भारत इस वार्ता में गैर-आधिकारिक तौर पर शामिल रहेगा. भारत की तरफ अफगानिस्तान में पूर्व राजदूत रहे अमर सिन्हा के अलावा पाकिस्तान में पूर्व भारतीय उच्चायुक्त टीसीए राघवन वार्ता में शामिल होंगे, लेकिन भारत के विदेश मंत्रालय का कोई अधिकारी इस बैठक में शामिल नहीं होगा.”
We are aware of the Russian Federation hosting a meeting in Moscow on 9 November on Afghanistan. India supports all efforts at peace and reconciliation in Afghanistan. Our participation at the meeting will be at the non-official level: Ministry of External Affairs (MEA)
— ANI (@ANI) November 8, 2018
बात दें कि भारत शुक्रवार को अफगानिस्तान में अमन और शांति बहाल करने की कोशिश के तहत आतंकी संगठन तालिबान के साथ एक मंच पर साथ आने वाला है. यह बैठक रूस द्वारा आयोजित की जा रही है. ऐसा पहली बार हो रहा है जब भारत और तालिबान एक मंच साझा करने वाला है.
If any process is consistent with our policy on Afghanistan then we will be part of it. We have made it clear already that our participation is at a non-official level. Don't know how ppl concluding there will be talks with the Taliban, its a meeting on Afghanistan in Moscow: MEA
— ANI (@ANI) November 9, 2018
इस बैठक का उद्देश्य अफगानिस्तान में शांति बहाल करना है. इस बैठक में अफगान तालिबान के प्रतिनिधि भी हिस्सा लेंगे. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस बैठक में अमेरिका, चीन और पाकिस्तान के प्रतिनिधि भी शामिल हों सकते है.