
तालिबान ने अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों के जाने के बाद वहां छोड़े गए सैन्य उपकरणों को लौटाने की पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मांग को ठुकरा दिया है. रिपोर्ट्स के अनुसार, तालिबान का कहना है कि वे ISIS-K (इस्लामिक स्टेट खुरासान) से लड़ने के लिए और अधिक हथियारों, गोला-बारूद और उन्नत हथियारों की जरूरत महसूस कर रहे हैं, न कि अमेरिकी सैन्य उपकरणों को लौटाने की.
यह प्रतिक्रिया तब आई जब ट्रंप ने एक रैली में अफगानिस्तान को धमकी दी, जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर अफगानिस्तान अमेरिकी विमान, वाहन, संचार उपकरण और अन्य सैन्य सामग्री वापस नहीं करेगा, तो अमेरिका उसकी सारी वित्तीय सहायता रोक देगा. ट्रंप ने कहा, "अगर हम हर साल अरबों डॉलर दे रहे हैं, तो कहें कि हम उन्हें वह पैसे नहीं देंगे जब तक वे हमारे सैन्य उपकरण वापस नहीं करते."
हालांकि, तालिबान के प्रवक्ता ने ट्रंप के बयान का कोई जवाब नहीं दिया. अमेरिकी सैनिकों ने 20 साल बाद अफगानिस्तान से वापसी की, और इस दौरान उन्होंने $7 बिलियन से अधिक की कीमत के सैन्य उपकरण छोड़ दिए थे, जो तालिबान के कब्जे में चले गए थे.
BREAKING:
Taliban rejects Trump’s demand to return U.S. weapons worth $7 billion left in Afghanistan. pic.twitter.com/P3GnbDmgQX
— Globe Eye News (@GlobeEyeNews) January 22, 2025
हालांकि, तालिबान ने ट्रंप की मांग को नकारते हुए, अमेरिकी राष्ट्रपति से नए सिरे से संबंध स्थापित करने की इच्छा जताई है, ताकि वह लगभग $9 बिलियन के फ्रीज विदेशी मुद्रा भंडार तक पहुंच प्राप्त कर सके. तालिबान चाहता है कि उसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिले और आर्थिक संकट से जूझते अफगानिस्तान को आर्थिक सहायता मिल सके.
हाल के दिनों में, तालिबान ने यह भी कहा कि उसने एक अमेरिकी नागरिक को एक अफगान नागरिक के बदले में रिहा किया, जो पहले अमेरिकी जेल में बंद था. हालांकि चीन, पाकिस्तान और रूस जैसे कुछ देशों ने तालिबान के राजदूतों का स्वागत किया है, परन्तु अंतरराष्ट्रीय समुदाय में तालिबान सरकार को व्यापक रूप से मानवाधिकारों का उल्लंघन करने के कारण निंदा का सामना करना पड़ रहा है.