भारत ने यूरोपीय देशों सहित 100 से अधिक देशों को नेशनल स्टैंडर्ड की बुलेटप्रूफ जैकेट (Bulletproof Jackets) एक्सपोर्ट करना शुरू कर दिया है. भारत अमेरिका, ब्रिटेन और जर्मनी के बाद चौथा ऐसा देश है जिसने बुलेटप्रूफ जैकेट पर अपना नेशनल स्टैंडर्ड रखा है, जो 360 डिग्री सुरक्षा प्रदान करता है. भारत की मानक संस्था ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (BIS) के मुताबिक, बुलेटप्रूफ जैकेट खरीददारों में कई यूरोपीय देश भी शामिल हैं. एक कार्यक्रम के दौरान बीआईएस के उपनिदेशक राजेश बजाज ने कहा कि अमेरिका, ब्रिटेन और जर्मनी के बाद भारत चौथा देश है, जो नेशनल स्टैंडर्ड पर ही अंतरराष्ट्रीय स्तर की बुलेटप्रूफ जैकेट बनाता है.
राजेश बजाज ने बताया कि यह जैकेट 360 डिग्री सुरक्षा के लिए जानी जाती है. उन्होंने बताया कि ये बुलेटप्रूफ जैकेट सभी हितधारकों को साथ लेकर नेशनल स्टैंडर्ड के साथ तैयार किए गए हैं, अब सैन्य बलों को भी इसी स्टैंडर्ड के अनुरूप जैकेट बुलेटप्रूफ जैकेट उपलब्ध कराई जा रही है. मेक इन इंडिया के तहत ये बुलेटप्रूफ जैकेट तैयार किए जा रहे हैं, इन जैकेट्स में ग्लोबल सुविधाएं और डिजाइन हैं.
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बुलेटप्रूफ जैकट निर्यात करने वाला चौथा देश बना भारत-
India has begun exporting #bulletproof jackets as per its own standards to over 100 countries including European nations. #India is the fourth country after US, UK and Germany to have its own national standard on bulletproof jacket which provides 360-degree protection. pic.twitter.com/gu5U98tWod
— All India Radio News (@airnewsalerts) September 12, 2019
BIS के वैज्ञानिक जेके गुप्ता के मुताबिक भारत को स्टैंडर्ड के अभाव में क्वालिटी जैकेट नहीं मिल पा रही थी. सैन्यबलों द्वारा लंबे समय से इस तरह के बुलेटप्रूफ जैकेट्स की मांग की जा रही थी. जिसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नीति आयोग के निर्देश के बाद 2018 में BIS ने बुलेटप्रूफ जैकेट के लिए स्टैंडर्ड तैयार किया था. ये स्टैंडर्ड दिसंबर 2018 में पब्लिश हुआ.
BIS के वैज्ञानिक जेके गुप्ता के मुताबिक भारत को स्टैंडर्ड के अभाव में क्वालिटी जैकेट नहीं मिल पा रही थी. सैन्यबलों द्वारा लंबे समय से इस तरह के बुलेटप्रूफ जैकेट्स की मांग की जा रही थी. जिसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नीति आयोग के निर्देश के बाद 2018 में BIS ने बुलेटप्रूफ जैकेट के लिए स्टैंडर्ड तैयार किया था. ये स्टैंडर्ड दिसंबर 2018 में पब्लिश हुआ.
सैनिकों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए विभिन्न आकार के जैकेट बनाए जा सकें इसके लिए कड़े मानक तैयार किए जा रहे हैं. यह जैकेट ऐसे हैं जो 700 मीटर प्रति सेकेंड की रफ्तार से आने वाली AK 47 के स्टील कोर बुलेट को झेलने में सक्षम हैं. यह डायनैमिक वेट डिस्ट्रीब्यूशन जैसी विशेषता से युक्त है. सेल्फ लाइफ बढ़ाने के प्रोटोकॉल को भी मानक में शामिल किया गया है. अभी तक 1.86 लाख जैकेटों की आपूर्ति सैन्य बलों को की जा चुकी है. अधिक आपूर्ति के लिए प्रकिया जारी है.