![Mahakumbh 2025: संगम नोज पर क्यों उमड़ रहे हैं श्रद्धालु? महाकुंभ में जहां मची भगदड़ क्यों है वह स्थान खास Mahakumbh 2025: संगम नोज पर क्यों उमड़ रहे हैं श्रद्धालु? महाकुंभ में जहां मची भगदड़ क्यों है वह स्थान खास](https://hist1.latestly.com/wp-content/uploads/2025/01/mku-380x214.jpg)
Mahakumbh 2025: प्रयागराज में महाकुंभ 2025 के दौरान श्रद्धालुओं की भीड़ का सबसे बड़ा केंद्र बना ‘संगम नोज़’. इसी स्थान पर बुधवार सुबह भगदड़ मच गई, जिससे कई लोग घायल हो गए और कुछ की मौत भी हो गई. आखिर क्यों लोग संगम नोज़ पर ही अमृत स्नान के लिए उमड़ रहे हैं?
महाकुंभ में स्नान का विशेष महत्व होता है, लेकिन संगम नोज़ को सबसे पवित्र स्थान माना जाता है. यहां गंगा, यमुना और सरस्वती (अदृश्य) का संगम होता है, जिसे त्रिवेणी संगम कहा जाता है. मान्यता है कि संगम नोज पर स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है और जीवन के सारे पाप धुल जाते हैं. यही कारण है कि लाखों श्रद्धालु इस स्थान पर अमृत स्नान करने आते हैं.
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वीआईपी भी कर रहे हैं संगम नोज़ पर स्नान
सिर्फ आम श्रद्धालु ही नहीं, बल्कि कई बड़े संत, धार्मिक गुरु और वीआईपी भी संगम नोज़ पर स्नान कर रहे हैं. इसकी वजह से यहां भीड़ और ज्यादा बढ़ गई है. प्रशासन ने इस बार संगम नोज़ के क्षेत्र को 2 हेक्टेयर तक बढ़ाया, जिससे हर घंटे करीब 9 लाख श्रद्धालु स्नान कर सकें, लेकिन मौनी अमावस्या के दिन भीड़ इतनी ज्यादा हो गई कि व्यवस्थाएं ध्वस्त हो गईं और भगदड़ मच गई.
भगदड़ कैसे हुई?
बुधवार तड़के ब्रह्म मुहूर्त में स्नान के लिए लाखों श्रद्धालु संगम नोज पहुंचे. हालांकि, भीड़ नियंत्रण के सारे इंतजाम नाकाफी साबित हुए और लोग आगे बढ़ने के दबाव में एक-दूसरे पर गिर पड़े. इससे अफरातफरी मच गई और भगदड़ जैसी स्थिति बन गई.
सीएम योगी की अपील: दूसरे घाटों पर भी करें स्नान
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोगों से अपील की है कि संगम नोज पर न जाएं, क्योंकि पूरा कुंभ क्षेत्र ही पवित्र है और गंगा के अन्य घाटों पर भी स्नान किया जा सकता है. प्रशासन ने भीड़ नियंत्रण के लिए पहले से ही कई योजनाएं बनाई थीं, लेकिन श्रद्धालुओं की आस्था और भारी संख्या में उनकी उपस्थिति से सभी व्यवस्थाएं नाकाफी साबित हुईं.
सरकार पहले से थी भीड़ की आशंका से अवगत
यूपी सरकार को पहले से ही अंदेशा था कि संगम नोज़ पर भारी भीड़ होगी. इसी कारण इंटीग्रेटेड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर (ICCC) बनाया गया था ताकि भीड़ को नियंत्रित किया जा सके. अधिकारियों को निर्देश दिए गए थे कि श्रद्धालु जिस जोन से आएं, वहीं से वापस लौटें और उन्हें संगम नोज जाने की अनुमति न दी जाए. लेकिन 27 से 29 जनवरी के बीच संगम नोज़ पर भारी भीड़ उमड़ने के कारण ये इंतजाम नाकाफी साबित हुए.
प्रधानमंत्री मोदी ने जताया दुख
महाकुंभ में हुए इस हादसे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गहरा शोक जताया और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की प्रार्थना की. सरकार ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात कर दिए हैं, ताकि आगे ऐसी घटनाओं को रोका जा सके.
महाकुंभ में हर बार करोड़ों श्रद्धालु आते हैं, लेकिन संगम नोज जैसी जगहों पर भीड़ नियंत्रण सबसे बड़ी चुनौती बन जाती है. प्रशासन को आगे के लिए भी भीड़ प्रबंधन को लेकर और कड़े कदम उठाने होंगे, ताकि श्रद्धालु सुरक्षित रह सकें.