
प्रयागराज में माघी पूर्णिमा के शुभ अवसर पर 12 जनवरी को लाखों श्रद्धालु महाकुंभ में स्नान के लिए जुटने वाले हैं. इस विशाल जनसैलाब को देखते हुए प्रशासन ने विशेष यातायात व्यवस्था लागू की है ताकि किसी भी तरह की अव्यवस्था या जाम की स्थिति न बने. श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए प्रशासन ने किसी भी प्रकार के VVIP पास जारी करने पर रोक लगा दी है ताकि आम श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो.
माघी पूर्णिमा का स्नान हिंदू धर्म के सबसे पवित्र अवसरों में से एक है, और प्रयागराज महाकुंभ में यह आयोजन भव्य स्तर पर किया जाएगा. श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने नो-व्हीकल जोन और पैदल यात्रा अनिवार्य करने का फैसला लिया है. यदि आप भी इस पवित्र स्नान के लिए प्रयागराज जाने की योजना बना रहे हैं, तो इन दिशा-निर्देशों को ध्यान में रखते हुए तैयारी करें.
नो-व्हीकल जोन घोषित
सोमवार को हुए भीषण जाम को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने प्रयागराज को पूरी तरह से नो-व्हीकल जोन घोषित कर दिया है. सभी वाहनों को स्नान क्षेत्र से पहले पार्किंग में रोक दिया जाएगा और श्रद्धालुओं को 8-10 किलोमीटर पैदल चलकर संगम तक पहुंचना होगा. श्रद्धालुओं के सुचारु आगमन और प्रस्थान के लिए ये नियम 12 फरवरी तक प्रभावी रहेंगे.
केवल आवश्यक और आपातकालीन सेवाओं (एम्बुलेंस, पुलिस, अग्निशमन सेवा) को ही शहर में प्रवेश मिलेगा.
रेलवे यात्रियों के लिए विशेष दिशा-निर्देश
जो श्रद्धालु ट्रेन से प्रयागराज पहुंचेंगे, उन्हें रेलवे स्टेशन से महाकुंभ स्थल तक पैदल ही जाना होगा. रेलवे स्टेशन और स्नान स्थल (त्रिवेणी संगम) के बीच 8-10 किमी की दूरी तय करनी होगी. वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगों के लिए कोई विशेष सुविधा नहीं दी गई है.
विद्यालयों के लिए ऑनलाइन कक्षाओं का निर्देश
भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने 7 से 12 फरवरी तक प्रयागराज के सभी बोर्डों के सेकेंडरी स्कूलों की भौतिक कक्षाएं निलंबित कर दी हैं. हालांकि, ऑनलाइन कक्षाएं जारी रहेंगी.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने की समीक्षा
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रशासन की तैयारियों की वर्चुअल समीक्षा की और भीड़ प्रबंधन को लेकर निर्देश दिए. प्रशासन द्वारा यह कदम सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए हैं कि श्रद्धालुओं को सुगम अनुभव प्राप्त हो और किसी भी प्रकार की दुर्घटना न हो.
माघी पूर्णिमा को हिंदू धर्म में बेहद पवित्र माना जाता है. इस दिन गंगा, यमुना और सरस्वती (अदृश्य) के संगम में स्नान करना मोक्षदायी माना जाता है. मान्यता है कि इस शुभ दिन पर संगम में डुबकी लगाने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है और पुण्य की प्राप्ति होती है. इसी कारण हर साल माघी पूर्णिमा पर प्रयागराज में लाखों श्रद्धालु जुटते हैं, जिससे शहर में भीड़ और ट्रैफिक की समस्या पैदा हो जाती है.