भोपाल: लंबे इंतजार के बाद आखिरकार मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) की शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) की सरकार का मंत्रिमंडल विस्तार पूरा हो गया है. इस मंत्रिमंडल विस्तार में ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) गुट का दबदबा साफ नजर आ रहा है. गुरुवार को शिवराज की कैबिनेट में 28 मंत्रियों को शपथ दिलाई गई है, इनमें से कांग्रेस (Congress) से बगावत करने वाले 22 तत्कालीन विधायकों में से 12 को मंत्री बनाया गया है. जिसमें से नौ सिंधिया के करीबी और समर्थक हैं और सभी कांग्रेस छोड़कर सिंधिया के साथ बीजेपी में शामिल हुए थे. इससे मार्च महीने में पांच मंत्रियों को शपथ दिलाई गई थी उनमें दो सिंधिया के करीबी विधायक गोविंद सिंह राजपूत और तुलसी सिंह सिलावट शामिल थे. इस तरह कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आने वाले 14 लोगों को मंत्री बनाया जा चुका है, जिनमें से 11 का नाता सिंधिया खेमे से है.
शिवराज के मंत्रिमंडल विस्तार में कांग्रेस से बगावत करने वाले 22 में से 14 मंत्री बन चुके हैं. इनमें सबसे ज्यादा ग्वालियर चंबल संभाग के हैं. यह इलाका सिंधिया के प्रभाव वाला माना जाता है. यही कारण है कि इस इलाके से सिंधिया समर्थकों को इमरती देवी, महेंद्र सिंह सिसोदिया, प्रद्युम्न सिंह तोमर, बृजेन्द्र सिंह यादव, गिर्राज दंडोतिया, सुरेश धाकड़ और ओ पी एस भदौरिया को मंत्री पद से नवाजा गया है. Shivraj Cabinet Expansion in MP: शिवराज सिंह चौहान मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर दिल्ली में फंसा पेंच, मंगलवार को हो सकता है अंतिम फैसला
राज्यसभा सदस्य निर्वाचित होने के बाद पहली बार भोपाल पहुंचे भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया (@JM_Scindia) ने कांग्रेस का नाम लिए बगैर हमला बोला और कहा कि 'बीते दो माह से कुछ लोग चरित्र धूमिल करने में लगे हैं, उन लोगों को बताना चाहता हूं कि टाइगर अभी जिंदा है।' pic.twitter.com/ZTTijLh1R7
— IANS Hindi (@IANSKhabar) July 2, 2020
इस तरह ग्वालियर-चंबल इलाके से नाता रखने वाले 11 सदस्य शिवराज मंत्रिमंडल में शामिल हो गए है. इनमें से सात मंत्री सिंधिया के करीबी है. राज्य मे मंत्रियों की संख्या कुल 33 है. राजनीति के जानकारों की मानें तो बीजेपी ने आगामी विधानसभा उप-चुनाव को ध्यान में रखकर ही मंत्रिमंडल का विस्तार किया है और उन नए चेहरों को शामिल किया है जो सियासी तौर पर किसी तरह के विवादों में नही है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) ने पहले ही शिवराज सिंह चौहान सरकार में कुल 11 मंत्री पद अपने समर्थकों के लिए मांगे थे और उन्हें मिले भी. इतना ही नहीं सिंधिया ने पहले ही मंत्री पद के लिए अपने समर्थकों के नामों के साथ उनकी पसंद के विभागों की लिस्ट भी दी थी. पिछली कमलनाथ सरकार में भी सिंधिया के खेमे के छह नेता मंत्री बनाए गए थे. सिंधिया की इसी मांग से मंत्रिमंडल का विस्तार इतने लंबे समय से अटका पड़ा था. दरअसल बीजेपी सिंधिया गुट को 11 मंत्री पद देने के लिए तैयार थी, लेकिन मनपसंद विभाग देने में आनाकानी कर रही थी. इसलिए पेंच फंसा हुआ था.