
'Love Jihad' Law: महाराष्ट्र सरकार लव जिहाद और धर्मांतरण के खिलाफ एक सख्त कानून लाने की दिशा में कदम बढ़ा रही है. राज्य सरकार का मानना है कि इस कानून के माध्यम से लव जिहाद के नाम पर ज्यादती से लोग बचेंगे. सरकार के इस कदम को समाजवादी पार्टी की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष और विधायक अबू आजमी ने स्वतंत्रता के खिलाफ बताया.
अबू आजमी ने महाराष्ट्र सरकार की इस कोशिश को संविधान और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के खिलाफ बताया. उन्होंने कहा कि ये मनमानी का एक तरीका है, इस तरह से आजादी पर रोक लगाई जा रही है. हमें कोई ऐतराज नहीं है अगर वह कानून बनाना चाहते हैं, लेकिन यह संविधान के अधिकारों से छेड़छाड़ करना है. यह भी पढ़ें : MP Liquor Ban: मध्य प्रदेश में 1 अप्रैल से 19 पवित्र क्षेत्र में बंद होंगी शराब दुकानें, अधिसूचना जारी
लव जिहाद' कानून लाने पर सरकार पर भड़के अबू आसिम आज़मी
VIDEO | Lucknow: Here’s what Maharashtra Samajwadi Party President Abu Asim Azmi said on the Maharashtra government's move to enact a law against Love Jihad:
“They are acting arbitrarily, and this curtails our freedom. Our Muslim boys and girls are also converting to Hinduism… pic.twitter.com/89gKjH1XBM
— Press Trust of India (@PTI_News) February 15, 2025
उन्होंने आगे कहा, " हम देख रहे हैं कि मुस्लिम लड़के भी हिंदू धर्म अपना रहे हैं, मुस्लिम लड़कियां भी हिंदू लड़कों से शादी कर रही हैं. अगर यह सब संविधान में दिए गए अधिकारों के तहत हो रहा है तो इसमें क्या गलत है? सरकार का इस पर कानून बनाना व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर प्रतिबंध लगाने का प्रयास है, जो देश के संविधान के खिलाफ है."
बता दें कि महाराष्ट्र में 'लव जिहाद' के खिलाफ कानून लागू करने की मांग के बीच राज्य सरकार ने 'लव जिहाद' और जबरन धर्मांतरण के मुद्दे पर एक समिति का गठन किया है. राज्य सरकार ने 'लव जिहाद' के मुद्दे पर एक उच्च स्तरीय समिति गठित की है, जिसकी अध्यक्षता राज्य पुलिस के महानिदेशक (डीजीपी) करेंगे. यह समिति 'लव जिहाद' से संबंधित सभी कानूनी और तकनीकी पहलुओं पर चर्चा करेगी और एक रिपोर्ट तैयार करके सरकार को सौंपेगी.
समिति में महिला एवं बाल कल्याण विभाग के सचिव, अल्पसंख्यक विकास विभाग के सचिव, विधि एवं न्याय विभाग के सचिव, सामाजिक न्याय एवं विशेष सहायता विभाग के सचिव, गृह विभाग के सचिव तथा गृह विभाग (विधि) के सचिव सदस्य के रूप में शामिल होंगे. समिति का उद्देश्य राज्य की वर्तमान स्थिति का अध्ययन करना और 'लव जिहाद' के खिलाफ प्रभावी कदम उठाने के उपायों पर विचार करना है.
इसके अलावा, यह समिति छल-कपट और बलपूर्वक किए जाने वाले धर्मांतरण की समस्याओं के समाधान का सुझाव भी देगी. समिति अन्य राज्यों में लागू कानूनों का भी अध्ययन करेगी और 'लव जिहाद' से निपटने के लिए एक कानूनी मसौदा तैयार करेगी. समिति की रिपोर्ट सरकार के सामने आने के बाद इस मुद्दे पर आगे की कार्रवाई की योजना बनाई जाएगी.
गौरतलब है कि देश के नौ राज्य पहले ही 'लव जिहाद' विरोधी कानून लागू कर चुके हैं. उत्तर प्रदेश, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, गुजरात, झारखंड, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, ओडिशा और छत्तीसगढ़ में इस प्रकार के कानून मौजूद हैं. भाजपा नेता और मंत्री नितेश राणे और महाराष्ट्र के विभिन्न हिंदू संगठनों ने भी राज्य में 'लव जिहाद' कानून लागू करने की मांग की है.
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पिछले दिनों विधानसभा में धर्मांतरण के खिलाफ कानून बनाने का वादा किया था. फडणवीस का कहना था कि राज्य में धर्मांतरण को लेकर कई शिकायतें मिल रही हैं, जिन्हें गंभीरता से लिया जाना चाहिए.