चिक्कमगलुरु, (कर्नाटक) 2 अप्रैल : कर्नाटक पुलिस ने शनिवार को नक्सली नेता सावित्री को जांच के लिए 8 अप्रैल तक के लिए हिरासत में लिया है. अधिकारियों द्वारा सावित्री को श्रृंगेरी शहर के प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट (जेएमएफसी) अदालत के समक्ष पेश किया गया और अदालत ने उसे पुलिस को सौंप दिया. चिकमगलूर जिले के कलासा की रहने वाली सावित्री 2001 से नक्सली के रूप में सक्रिय थी. वह कई मामलों में वांछित थी. उन्हें एक अन्य नक्सली नेता बी.जी. कृष्णमूर्ति के साथ केरल पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया था.
तब से दोनों न्यायिक हिरासत में जेल में बंद हैं. सावित्री उर्फ रेजिता भाकपा (उग्रवादी) के कबानी दलम की कमांडर के तौर पर काम कर रही थीं. सावित्री उग्रवादी नेता विक्रम गौड़ा की पत्नी थीं, जो कदनी दलम में भी हैं. वे वायनाड-कोझिकोड क्षेत्र में काम करते थे. वह अपने पति से अलग हो गई थी. यह भी पढ़ें : Bihar: फिल्मी अंदाज में युवक शादी का रिश्ता लेकर पहुंचा प्रेमिका के घर, ‘चट मंगनी पट ब्याह रचाई’; हर कोई कर रहा है तारीफ
सावित्री और कृष्णमूर्ति की गिरफ्तारी पुलिस के लिए बड़ी कीमती मानी जा रही थी. कृष्णमूर्ति को नक्सलियों के बीच बीजीके के रूप में जाना जाता है और उन्हें पार्टी की केंद्रीय समिति में पदोन्नत किया गया था. बीजीके चिक्कमगलुरु जिले के श्रृंगेरी शहर से आया था और पुलिस का दावा है कि उसके खिलाफ 50 से अधिक मामले हैं.
गिरफ्तारियों को दक्षिण भारत में माओवादी नेटवर्क के लिए एक बड़ा झटका बताया गया है. उन्हें केरल पुलिस ने 9 नवंबर, 2021 को गिरफ्तार किया था. दोनों कर्नाटक पुलिस को नक्सल से जुड़े विभिन्न मामलों में वांछित हैं. कर्नाटक में 20 से अधिक मामलों में सावित्री का नाम था. कृष्णमूर्ति 2000 से कर्नाटक के मलनाड क्षेत्र में शुरू किए गए कुद्रेमुख वन अभियान और अन्य आंदोलनों का हिस्सा थे.