बेंगलुरु: कर्नाटक (Karnataka) सरकार ने अपना फैसला बदलते हुए एयरपोर्ट स्टाफ को फ्रंटलाइन कर्मचारी की श्रेणी में नहीं शामिल करने का निर्णय लिया है. इससे जुड़ा सर्कुलर भी वापस ले लिया हैं. राज्य सरकार ने कोरोना वैक्सीनेशन के लिए एयरपोर्ट स्टाफ को फ्रंटलाइन कर्मचारी मानने का सर्कुलर जारी किया था. हालांकि अब नए आदेश के तहत एयरपोर्ट स्टाफ फ्रंटलाइन कर्मचारी नहीं माने जाएंगे. कर्नाटक में 47 प्रतिशत लाभार्थियों को लगाया गया कोविड-19 का टीका
कर्नाटक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण सेवा ने एक बयान जारी कर कहा कि भारत सरकार के निर्देशों के अनुसार केवल स्वास्थ्य कर्मचारी और फ्रंटलाइन वर्कर्स कोरोना वैक्सीन पाने वालों की सूची में शामिल किये जाएंगे. इससे पहले कर्नाटक सरकार ने कहा था कि राज्यभर के सभी एयरपोर्ट पर कार्यरत कर्मचारी फ्रंटलाइन कर्मचारी हैं, इसलिए वह प्राथमिकता के आधार पर कोरोना वैक्सीन लगवाने के पात्र हैं.
Circular about airport staff being considered as frontline workers is withdrawn. Only the staff covered as healthcare workers or frontline workers as defined in GoI instructions will only be included in the list for COVID19 vaccination: Karnataka Health & Family Welfare Services https://t.co/8lncPX0CFH
— ANI (@ANI) January 24, 2021
सर्कुलर में जिला स्वास्थ्य अधिकारियों को एयरपोर्ट स्टाफ के वैक्सीनेशन कार्यक्रम के लिए आवश्यक व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया था. उन्हें यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया था कि एयरपोर्ट पर सभी स्टाफ सदस्यों को मौजूदा प्रोटोकॉल के अनुसार कोरोना वैक्सीन दी जाए.
कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री के सुधाकर (K Sudhakar) ने कहा कि राज्य में अब तक 1,38,656 लोगों को कोरोना वैक्सीन लगाई गई है. कुछ लोगों में साइड इफेक्ट हुआ हैं. उन्होंने कहा “कोविशिल्ड को 1,36,882 और कोवाक्सिन को 1,774 लोगों को लगाया गया है. 2 से 3.5 फीसदी लोगों में वैक्सीन का किसी न किसी तरह का साइड इफेक्ट दिखा है. पहले चरण में वैक्सीनेशन के लिए 8,47,908 लाख लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया है. जिसमें 3,27,201 सरकारी और 4,45,389 निजी क्षेत्र के कोरोना योद्धा हैं.” उन्होंने यह भी माना कि कुछ लोगों को अफवाहों के कारण वैक्सीन लेने में संकोच हो रहा है.