खुल गई कनाडा के झूठ की परतें! ट्रूडो ने माना भारत को नहीं दिए थे निज्जर हत्याकांड के सबूत
Justin Trudeau | Facebook

नई दिल्ली: भारत और कनाडा के बीच तनाव दौर जारी है, और इस विवाद के बीच कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो (Justin Trudeau) का एक बड़ा बयान सामने आया है. पीएम ट्रूडो ने स्वीकार किया कि उन्होंने हरदीप सिंह निज्जर की हत्या से जुड़े सबूत भारत को नहीं सौंपे थे. यह बयान इसलिए अधिक अहम है क्योंकि कनाडा का दावा था कि उसने इस मामले के सबूत भारत को सौंपे हैं, जबकि भारत ने इस दावे को पहले ही खारिज कर दिया था.

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क्या है मामला?

खालिस्तानी नेता हरदीप सिंह निज्जर की पिछले साल कनाडा में हत्या हो गई थी. इसके बाद कनाडाई सरकार ने आरोप लगाया कि इस हत्या के पीछे भारत का हाथ है. ट्रूडो ने भारत पर यह आरोप सार्वजनिक रूप से लगाया था, जिससे दोनों देशों के संबंधों में तनाव आ गया. आरोपों के बाद दोनों देशों ने एक-दूसरे के छह-छह राजनयिकों को निष्कासित कर दिया था. ट्रूडो ने कहा था कि उन्होंने सबूत भारत को सौंपे हैं, जबकि भारत इस दावे को लगातार खारिज करता रहा.

ट्रूडो का बड़ा कुबूलनामा

अब ट्रूडो ने कबूल किया कि उन्होंने भारत को निज्जर हत्याकांड से जुड़े सबूत नहीं दिए थे. उन्होंने कहा कि भारत को केवल खुफिया जानकारी साझा की गई थी, न कि कोई ठोस सबूत. जी20 सम्मेलन के दौरान ट्रूडो ने यह मुद्दा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने उठाया था. लेकिन भारत ने साफ तौर पर कहा था कि कनाडा ने कोई प्रमाण नहीं दिया.

ट्रूडो का झूठ आया सामने

सितंबर 2023 में, ट्रूडो ने भारत पर आरोप लगाया था कि भारतीय एजेंट खालिस्तानी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में शामिल थे. भारत ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए इन्हें 'प्रेरित' और 'राजनीतिक मकसद से प्रेरित' बताया था.

भारत ने ट्रूडो पर आरोप लगाया कि वह निज्जर हत्याकांड को वोट बैंक की राजनीति के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं. भारत ने यह भी कहा कि कनाडा ने बार-बार अनुरोध करने के बावजूद किसी ठोस सबूत को साझा नहीं किया.

आतंकी पन्नू ने भी किया बड़ा खुलासा

सीबीसी न्यूज चैनल को दिए गए इंटरव्यू में पन्नू ने कबूल किया है कि वो पिछले कई वर्षों से कनाडा के पीएम के संपर्क में हैं और उसने ही भारत के खिलाफ जानकारी मुहैया कराई, जिस पर कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कार्रवाई की है. पन्नू के अनुसार पिछले दो-तीन सालों से 'सिख्स फॉर जस्टिस' प्रधानमंत्री कार्यालय के साथ संवाद कर रहा है.