![झारखंड: इस गांव में 50 साल से अधिक उम्र का नहीं है कोई बुजुर्ग, पीने का पानी बना यहां के लोगों के लिए काल झारखंड: इस गांव में 50 साल से अधिक उम्र का नहीं है कोई बुजुर्ग, पीने का पानी बना यहां के लोगों के लिए काल](https://hist1.latestly.com/wp-content/uploads/2019/11/Image-380x214.jpg)
रांची: जल ही जीवन है यह तो हर कोई जानता है, लेकिन क्या यही जल शारीरिक विकलांगता (Physical Disability) और कम उम्र में मौत का कारण भी बन सकता है. जी हां, झारखंड (Jharkhand) के एक गांव के लोगों के लिए पीने का पानी ही उनके लिए काल बनता जा रहा है और लोग न सिर्फ शारीरिक रूप से विकलांग हो रहे हैं, बल्कि पानी के चलते अधिकांश युवाओं की मौत भी हो रही है. आलम तो यह कि इस गांव में एक बुजुर्ग व्यक्ति के अलावा कोई भी 50 साल से अधिक उम्र का शख्स मौजूद नहीं है. हर किसी को सोचने पर मजबूर कर देने वाला यह वाकया झारखंड के पलामू जिले (Palamu Dist) के चुकरू गांव (Chukru Village) का है, जहां पीने का पानी ही लोगों की सेहत और जान का दुश्मन बन गया है. इस गांव के स्थानीय निवासी और गांव के एक मात्र बुजुर्ग राजेश्वर पाल (Rajeshwar Pal) का कहना है कि चुकरू गांव में पिछले 25 सालों से दूषित पानी की समस्या जस की तस बनी हुई है. यहां कोई 50 साल से ऊपर का व्यक्ति नहीं है. मैं 69 वर्षीय हूं और यहां का सबसे बुजुर्ग व्यक्ति हूं.
उनका कहना है कि सरकार ने इस गांव के लोगों को कहीं और जाने का सुझाव दिया है, लेकिन यहां के अधिकांश लोग विकलांग हैं. ऐसे में हम कहीं और कैसे जाकर रह सकते हैं. यहां के ग्रामीणों का दावा है कि चुकरू गांव में पीने के पानी में अधिक मात्रा में फ्लोराइड की मौजूदगी है, जिसके चलते इस दूषित पानी को पीने से गांव के लोगों में शारीरिक अक्षमता तेजी से बढ़ रही है. दूषित पानी के कारण हड्डियों और दांतों को नुकसान पहुंचता है और कई युवा फ्लोराइड युक्त पानी पीने के कारण अपनी जान गंवा चुके हैं.
फ्लोराइड युक्त पानी पीने को मजबूर लोग-
Rajeshwar Pal: We are facing this issue since last 25 years. Nobody in the village is above 50-year-old. I am 69-year-old & I am the oldest person here. Govt suggests us to leave the place but we all are handicapped. How can we survive somewhere else? #Jharkhand https://t.co/tSXCYxRfCF pic.twitter.com/OzkoTaHFF5
— ANI (@ANI) November 27, 2019
बता दें कि करोड़ों रूपए खर्च होने के बावजूद फ्लोराइड प्रभावित चुकरू गांव की पेयजल आपूर्ति योजना ग्रामीणों के लिए कारगर साबित नहीं हो पाई है. पेयजल आपूर्ति योजना के कारगर नहीं होने के कारण चुकरू और आसपास के ग्रामीणों को फ्लोराइड युक्त पानी पीना पड़ रहा है. यह भी पढ़ें: दिल्ली: दूषित पानी के सैंपल लेकर सीएम अरविंद केजरीवाल के घर पहुंचे बीजेपी नेता
गौरतलब है कि अधिक फ्लोराइड युक्त पानी पीने की वजह से पिछले तीन सालों में दर्जनों लोगों की मौत हो चुकी है. हालांकि पेयजल स्वच्छता विभाग ने एंटी फ्लोराइड फिल्टर का इस्तेमाल करके ग्रामीणों को शुद्ध जल मुहैया कराने का प्रयास भी किया, लेकिन एंटी फ्लोराइड फिल्टर मशीन के खराब हो जाने की वजह से लोग दूषित पानी पीने को मजबूर हैं. इस पानी के कारण लोग शारीरिक रूप से विकलांग हो रहे हैं और 15-20 वर्षों के अंदर उनकी मौत हो जाती है.