श्रीनगर:- जम्मू-कश्मीर (Jammu And Kashmir) के कुपवाडा (Kupwara) स्थित तंगधार इलाके (Tangdhar Area) और गुरेज में दो अलग अलग हिमस्खलन भारतीय सेना के चार जवानों ( Indian Army) के शहीद होने की खबर आ रही है. चारों जवान ( Three soldiers ) गस्त के दौरान बर्फीले तूफान के कारण हुए हिमस्खलन (Avalanche) में फंस गए थे. जिसके बाद से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा था. एनआईए की खबर के मुताबिक चारों जवान शहीद हो गए. कुपवाड़ा जिले के तंगधार इलाके में मंगलवार दोपहर को सेना की एक चौकी हिमस्खलन की चपेट में आ गयी, जिसमें कम से कम चार जवान फंस गए थे. जिसके बाद दो जवान को बचा लिया गया और तीन जवान शहीद हो गए. पिछले महीने सियाचिन में एवलांच की घटनाओं में 6 जवान शहीद हो चुके हैं.
इससे पहले सेना का एक गश्ती दल लगभग 18 हजार फुट की ऊंचाई पर स्थित दक्षिणी सियाचिन ग्लेशियर में शनिवार को हुए हिमस्खलन में फंस गया था, जिसके बाद दो जवानों की मौत हो गई थी. जानकारी के लिए बता दें कि सियाचिन (Siachen) में इससे पहले भी कई बार ऐसे हादसों में इंडियन आर्मी के सैकड़ों जवान अपनी जान गंवा चुके हैं. सियाचिन में इससे पहले भी कई बार ऐसे हादसों में भारतीय सेना के सैकड़ों जवान अपनी जान गंवा चुके हैं. यह भी पढ़ें:- सियाचिन में 19 हजार फीट की ऊंचाई पर हिमस्खलन, भारतीय सेना के 4 जवान शहीद, 2 पोर्टरों की भी मौत.
Another Army person lost his life after an Army patrol was hit by a blizzard in Gurez Sector of Jammu and Kashmir, yesterday. https://t.co/Jcitdlfg5u
— ANI (@ANI) December 4, 2019
वहीं 18 नवंबर को लद्दाख के सियाचिन ग्लेशियर इलाके में हुए हिमस्खलन में आठ सैनिक फंस गए थे. अचानक हिमस्खलन होने के कारण ये समुद्र तल से 18,000 और 19,000 फीट ऊंचाई पर बर्फीली चट्टानों के बीच फंस गए थे. गौरतलब हो कि सियाचिन दुनिया का सबसे ऊंचा रणक्षेत्र है. पिछले महीने लद्दाख दौरे के दौरान रक्षामंत्री राजनरथ सिंह ने ग्लेशियर को पर्यटकों के लिए फिर से खोले जाने की घोषणा की थी.