Smartphone चोरी हो जाने पर इस सरकारी वेबसाइट (ceir.gov.in) पर करें शिकायत, ढूंढ कर देगी पुलिस
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit: Facebook)

सभी स्मार्टफोन (Smartphone) यूजर्स के लिए यह जानकारी बेहद जरुरी है. दरअसल केंद्र सरकार ने हाल ही में एक वेब पोर्टल की शुरुआत की है. जहां चोरी किए गए मोबाइलों का पता लगाने के लिए रिपोर्ट दर्ज कराई जा सकती है. इसलिए अगर आपका मोबाइल कई गुम हो जाता है या चोरी हो जाता है तो सबसे पहले पुलिस में एफआईआर (FIR) दर्ज करवाने के बाद www.ceir.gov.in पर मोबाइल ब्लाक करवाएं. इसके अलावा सरकार ने ऐसे मामलों के लिए 14422 हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है. इन माध्यमों के जरिए आपका खोया हुआ मोबाइल वापस मिल सकता है.

सरकार ने मोबाइल चोरी की घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए यह कदम उठाया है. एकीकृत उपकरण पहचान रजिस्टर (सीईआईआर) प्रणाली नामक इस परियोजना को सुरक्षा, चोरी और मोबाइल हैंडसेटों की पुनर्संरचना सहित अन्य चिंताओं को दूर करने के लिए दूरसंचार विभाग द्वारा बनाया गया है.

दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इस पोर्टल का शुभारंभ किया, जहां लोग अपने खोये हुए मोबाइल की शिकायत आसानी से दर्ज करवा सकते है. जिसके बाद मोबाइल को ब्लाक कर दिया जाएगा. हालांकि यह परियोजना अभी महाराष्ट्र में पायलट आधार पर शुरू हुई है और जल्द ही इसे पूरे देश में लागू किया जाएगा. Direct link- यहां करें शिकायत

यदि आपका मोबाइल चोरी या गुम हो गया है, तो आपको एफआईआर दर्ज करवाने के बाद हेल्पलाइन नंबर 14422 के माध्यम से कॉल कर दूरसंचार विभाग (DoT) को सूचित करना होगा. इसके बाद DoT रिपोर्ट किए गए फोन को सभी नेटवर्क के लिए ब्लॉक कर देगा. जिस वजह से कोई दूसरा उसका उपयोग नहीं कर सकेगा. इसके अलावा यदि कोई भी उस मोबाइल का उपयोग करने की कोशिश करता है, तो इसकी जानकारी पुलिस को दी जाएगी. इसमें सभी प्रमुख सेवा प्रदाता भी मदद करेंगे.

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इंटरनेशनल मोबाइल इक्विपमेंट आइडेंटिटी (आईएमईआई) को मोबाइल फोन डिवाइस की विशिष्ट पहचान माना जाता है. आईएमईआई नंबर प्रोग्राम करने योग्य है, कुछ शरारती तत्‍व इस नंबर को रिप्रोग्राम करते हैं, जिससे  परिणामस्वरूप आईएमईआई की क्लोनिंग हो जाती है और एक ही आईएमईआई नंबर वाले कई फोन डिवाइस हो जाते हैं.

आईएमईआई (IMEI) देश की सुरक्षा एजेंसियों के लिए अहम होता है. इसलिए सरकार ने मोबाइल के इस नंबर से छेड़छाड़ को दंडनीय अपराध बना दिया है. और दोषी पाये जाने पर तीन साल तक की जेल हो सकती है.