7th Pay Commission: क्या केंद्रीय कर्मचारियों को आज फिर मिलेगी खुशखबरी? मोदी सरकार लगा सकती है इस भत्ते पर मुहर
रुपया (Photo Credits: PTI)

7TH CPC Latest News: सातवें वेतन आयोग (7th Pay Commission) के तहत सैलरी पाने वाले लाखों कर्मचारियों के हाउस रेंट अलाउंस (HRA) को 1 जनवरी 2021 से लागू करने की मांग पर केंद्र सरकार ने मंथन शुरू कर दिया है. यह प्रस्ताव रेलवे बोर्ड को भी मंजूरी के लिए भेजा गया है. इस बीच आज (10) होने वाली केंद्रीय कैबिनेट की बैठक पर सभी की निगाहें टिकी हुई है. सरकार अगर इस प्रस्ताव को हरी झंडी देती है तो 11.56 लाख से ज्यादा केंद्रीय कर्मचारियों को सीधे तौर पर फायदा होगा. 7th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों के हित में मोदी सरकार का एक और बड़ा फैसला, ऐसे मिलेगा फायदा

इंडियन रेलवे टेक्निकल सुपरवाइजर्स एसोसिएशन (आईआरटीएसए) और नेशनल फेडरेशन ऑफ रेलवेमेन (एनएफआईआर) ने 1 जनवरी 2021 से एचआरए (House Rent Allowance) लागू करने की मांग की है. अगर यह डिमांड मान ली जाती है तो बकाया मिलने के साथ ही लाखों कर्मचारियों का एचआरए बढ़ जाएगा. उन्हें लगभग 5400 रुपये से 8100 रुपये प्रति माह का लाभ होगा.

सातवें वेतन आयोग के अनुसार, प्रत्येक लेवल के कर्मचारी का वेतन उनके डीए और एचआरए में वृद्धि के साथ बढ़ता है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, अगर किसी केंद्रीय कर्मचारी का मूल वेतन 30000 रुपये है तो उसे करीब 5400 रुपये से 8100 रुपये प्रति माह का लाभ मिलेगा. जबकि मकान किराया भत्ता (House Rent Allowance) की राशि न्यूनतम 5400 रुपये प्रतिमाह निर्धारित की गई है, जो इससे कम नहीं हो सकती है.

उल्लेखनीय है कि हाउस रेंट अलाउंस यानी एचआरए भी सैलरी का एक हिस्सा होता है, जो नियोक्ता द्वारा कर्मचारियों को उस शहर में रहने के लिए आवास लागत के तौर पर दिया जाता है. आम तौर पर, एक्स श्रेणी शहरों में कार्यरत केंद्र सरकार के कर्मचारियों को अधिकतम उनके मूल वेतन का 24 प्रतिशत हाउस रेंट अलाउंस दिया जाता है. जबकि जेड श्रेणी के सरकारी कर्मचारियों को उनके मूल वेतन का 8 प्रतिशत तक बतौर एचआरए मिलता है, और वाई श्रेणी के शहरों में तैनात सरकार के कर्मचारियों को उनके मूल वेतन का 16 प्रतिशत एचआरए के रूप में मिलता है. आपको बता दें कि 5 लाख तक की आबादी वाला शहर जेड श्रेणी में आता है, जबकि 5 लाख से ऊपर और 50 लाख से कम आबादी वाला शहर वाई श्रेणी में आता है. जबकि 50 लाख से अधिक आबादी वाला शहर एक्स श्रेणी में शामिल होता है.