Bangladesh Crisis: रेल सेवाओं पर भी पड़ा हिंसा का असर, भारत-बांग्लादेश के बीच चलने वाली सभी ट्रेनें बंद; सीमा पर हाई अलर्ट
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नई दिल्ली: बांग्लादेश हिंसा की आग में सुलग रहा है. हिंसा के बीच हालात इतने खराब हो गए हैं कि शेख हसीना को प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा देकर देश छोड़ना पड़ा. हालात इस कदर खराब हैं कि पूरे देश में अनिश्चित काल के लिए कर्फ्यू लगाया गया है और इंटरनेट पर बैन लगाया गया है. सेना अब पूरे देश में तैनात हो गई है. इस बीच शेख हसीना दिल्ली पहुंचने वाली हैं. उनका विमान दिल्ली में लैंड करने वाली हैं, लेकिन खबर है कि वह बहुत अधिक देर तक यहां नहीं रहेंगी. वह यहां से एक अन्य फ्लाइट से लंदन जा सकती हैं. Bangladesh Crisis: कौन हैं आर्मी चीफ वकार-उज-जमान जो शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद चलाएंगे सरकार.

भारत और बांग्लादेश के बीच ट्रेन सेवा सस्पेंड

बांग्लादेश में चल रही उथल-पुथल के बीच, भारत ने सोमवार को घोषणा की कि वह पड़ोसी देश के लिए सभी ट्रेन सेवाओं को निलंबित कर रहा है. भारत और बांग्लादेश के बीच सभी ट्रेन सेवा सस्पेंड की जा चुकी हैं. इसमें मैत्री एक्सप्रेस, बंधन एक्सप्रेस, मिताली एक्सप्रेस समेत तमाम ट्रेनें हैं जो भारत और बांग्लादेश के बीच चलती हैं.

सीमा पर बढ़ाई गई सुरक्षा

सीमा सुरक्षा बल ने सोमवार से अगले 48 घंटों के लिए भारत-बांग्लादेश सीमा को हाई अलर्ट पर रखा है. किसी भी नागरिक की घुसपैठ या अवैध प्रवेश को रोकने के लिए सुरक्षा और गश्त बढ़ा दी गई है. बीएसएफ के महानिदेशक दलजीत सिंह चौधरी घटनाक्रम पर कड़ी नजर रखने और निगरानी रखने के लिए आज कोलकाता पहुंचे.

एडवाइजरी जारी

इस बीच केंद्र सरकार ने भारतीय नागरिकों को अगली सूचना तक बांग्लादेश की यात्रा करने से परहेज करने की सलाह दी है. विदेश मंत्रालय (MEA) ने एक बयान में कहा, "चल रहे घटनाक्रमों के मद्देनजर, भारतीय नागरिकों को अगली सूचना तक बांग्लादेश की यात्रा न करने की सख्त सलाह दी जाती है... बांग्लादेश में मौजूद सभी भारतीय नागरिकों को अत्यधिक सावधानी बरतने, अपनी गतिविधियों को सीमित रखने और ढाका में भारतीय उच्चायोग के आपातकालीन फोन नंबरों 8801958383679, 8801958383680, 8801937400591 के माध्यम से संपर्क में रहने की सलाह दी जाती है."

बता दें कि नौकरी में आरक्षण खत्म करने और प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों और सत्तारूढ़ पार्टी के समर्थकों के बीच भड़की हिंसा में 19 पुलिसकर्मियों समेत 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी. सैकड़ों लोग घायल हैं.