म्यांमार डिपोर्ट करने के लिए बॉर्डर पर 7 रोहिंग्या घुसपैठियों को लेकर पहुंची पुलिस
रोहिंग्या शरणार्थी (Photo Credits: Twitter)

नई दिल्ली: रोहिंग्या समुदाय को लेकर केंद्र सरकार ने कड़ा रुख अख्तियार किया है. इसी क्रम में पुलिस ने सात रोहिंग्या मुसलमानों को म्यांमार निर्वासित करने के लिए सीमा पर भेजा है. जानकारी के मुताबिक सभी लोग वर्ष 2012 में भारत में अवैध रूप से घुसने के आरोप में गिरफ्तार किए गए थे. और तभी से जेल में बंद थे.

असम पुलिस के अतिरिक्त महानिदेशक भास्कर ज्योति महंत ने कहा कि "यह एक नियमित प्रक्रिया है, हम सभी अवैध विदेशियों को उनके देश वापस भेजते हैं. रायटर के मुताबिक सात रोहिंग्या मुसलमानों को म्यांमार निर्वासित करने के लिए बस से सीमा की ओर रवाना किया गया है.

हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि राज्यों से रोहिंग्या शरणार्थियों की पहचान कर उनका बायोमेट्रिक ब्यौरा एकत्र करने को कहा गया है. उन्होंने कहा कि इस मामले के समाधान के लिए राज्यों द्वारा एकत्र रिपोर्टों को केंद्र राजनयिक माध्यम से म्यामां सरकार को भेजा जाएगा.

भारत में करीब 40,000 रोहिंग्या हैं. केंद्र सरकार ने साफ़ कहा कहा है कि रोहिंग्या गैरकानूनी प्रवासी हैं और उन्हें भारत में रहने का मौका नहीं दिया जाएगा. देशव्यापी सुरक्षा कदम के तहत केंद्र ने सभी राज्यों को अपने अधिकार क्षेत्र में रह रहे रोहिंग्या और अन्य अवैध प्रवासियों का बायोमेट्रिक्स ब्योरा लेने को कहा है. इसके अलावा सभी राज्यों को आदेश दिया गया है कि कोई भी रोहिंग्या के भारतीय कागजात नहीं बनवा सके ताकि उन्हें आसानी से वापस भेजा जा सके.

रोहिंग्या समुदाय के लोग अपने परिवार के साथ नार्थ-इस्ट से देश के दूसरे हिस्से में पलायन करने की फिराक में है. एक खुफिया पत्र के जरिए कहा गया है कि अगर रोहिंग्या ट्रेनों में पाए जाते हैं तो उन्हें कार्रवाई के लिए संबंधित पुलिस को सौंपा जाना चाहिए. जिसके बाद से आरपीएफ और स्थानीय पुलिस दोनों ही अलर्ट पर है. यह भी पढ़े- पुलिस अलर्ट पर; लंबी दूरी की 14 ट्रेनों से केरल पलायन कर रहे है रोहिंग्या?