नई दिल्ली: रोहिंग्या समुदाय को लेकर केंद्र सरकार ने अपना रुख साफ कर दिया है. लेकिन एक खुफिया पत्र में चौकानेवाला खुलासा हुआ है. इस पत्र में बताया गया है कि लंबी दूरी की ट्रेनों के जरिए भारी संख्या में रोहिंग्या परिवार सहित केरल पहुंच रहे हैं. इस खुलासे के बाद से सभी संबंधित सुरक्षा एजेंसिया चौकन्नी हो गई है. ऐसी आशंका जताई जा रही है कि रोहिंग्या समुदाय के लोग अपने परिवार के साथ केरल पलायन तो नहीं कर रहे है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मदुरई, तिरुवनंतपुरम और पलक्कड़ के रेलवे विभागीय सुरक्षा आयुक्तों को एक खुफिया पत्र भेजकर आगाह किया गया है कि बड़ी संख्या में रोहिंग्या परिवार केरल जाने वाली ट्रेन में यात्रा कर रहे. यह लोग समूह में सफर कर रह हैं. पत्र में ऐसे लोगों पर कार्यवाही करने के लिए भी कहा गया है.
रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के मुख्य सुरक्षा आयुक्त पी सेतु माधवन के हस्ताक्षर वाले इस पत्र में नॉर्थ-ईस्ट केरल रूट की 14 ट्रेनों की भी जानकारी भी दी गई है, जिनमें रोहिंग्या समुदाय के लोग सफर कर रहे हैं. इन ट्रेनों में हावड़ा-चेन्नई कोरोमंडल एक्सप्रेस, हावड़ा चेन्नई मेल, शालीमार-तिरुवनंतपुरम एक्सप्रेस और सिलचर-तिरुवनंतपुरम एक्सप्रेस और डिब्रूगढ़-चेन्नई एगमोर ट्रेनों के नाम शामिल हैं.
पत्र के जरिए कहा गया है कि अगर रोहिंग्या ट्रेनों में पाए जाते हैं तो उन्हें कार्रवाई के लिए संबंधित पुलिस को सौंपा जाना चाहिए. जिसके बाद से आरपीएफ और स्थानीय पुलिस दोनों ही अलर्ट पर है. क्योकि अगर रोहिंग्या लोग केरल की आबादी में शामिल हो गए तो उन्हें पहचाना मुश्किल हो जाएगा.
भारत में करीब 40,000 रोहिंग्या हैं. केंद्र सरकार ने साफ़ कहा कहा है कि रोहिंग्या गैरकानूनी प्रवासी हैं और उन्हें भारत में रहने का मौका नहीं दिया जाएगा. देशव्यापी सुरक्षा कदम के तहत केंद्र ने सभी राज्यों को अपने अधिकार क्षेत्र में रह रहे रोहिंग्या और अन्य अवैध प्रवासियों का बायोमेट्रिक्स ब्योरा लेने को कहा है. इसके अलावा सभी राज्यों को आदेश दिया गया है कि कोई भी रोहिंग्या के भारतीय कागजात नहीं बनवा सके ताकि उन्हें आसानी से वापस भेजा जा सके.