लद्दाख के गलवान घाटी में भारतीय जवानों पर हमला पूर्व नियोजित, दुस्साहस के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन को दिया कड़ा संदेश

वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तनाव के बीच भारत और चीन के विदेश मंत्रियों ने बुधवार को फोन पर बातचीत की. इस दौरान भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने चीन के विदेश मंत्री वांग यी के समक्ष कड़ा विरोध जताया.

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लद्दाख के गलवान घाटी में भारतीय जवानों पर हमला पूर्व नियोजित, दुस्साहस के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन को दिया कड़ा संदेश

वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तनाव के बीच भारत और चीन के विदेश मंत्रियों ने बुधवार को फोन पर बातचीत की. इस दौरान भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने चीन के विदेश मंत्री वांग यी के समक्ष कड़ा विरोध जताया.

देश Dinesh Dubey|
लद्दाख के गलवान घाटी में भारतीय जवानों पर हमला पूर्व नियोजित, दुस्साहस के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन को दिया कड़ा संदेश
भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर (Photo Credits: ANI/File)

नई दिल्ली: वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तनाव के बीच भारत और चीन के विदेश मंत्रियों ने बुधवार को फोन पर बातचीत की. इस दौरान भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने चीन के विदेश मंत्री वांग यी (Wang Yi) के समक्ष कड़ा विरोध जताया. उन्होंने कहा कि पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी में जो कुछ हुआ वह चीन द्वारा पूर्व नियोजित और योजनाबद्ध कार्रवाई थी. चीन इस घटना के लिए जिम्मेदार है.

भारतीय सेना के मुताबिक पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के साथ हिंसक झड़प में एक कर्नल सहित भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए. जबकि कई जवान गंभीर रूप से घायल हुए है. हालांकि बड़ी संख्या में चीनी सैनिकों के भी हताहत होने की सूचना मिल रही है. लेकिन पीएलए ने अब तक इस संबंध में कोई जानकारी नहीं दी है. India-China Face-Off in Ladakh: चीनी पीएलए ने भारतीय सेना की एक पूरी कंपनी को घेर लिया था

जयशंकर और वांग यी ने बातचीत के दौरान यह सहमति व्यक्त की कि वर्तमान स्थिति को एक जिम्मेदार तरीके से नियंत्रित किया जाएगा, और दोनों पक्ष 6 जून को हुई बातचीत को ईमानदारी से लागू करेंगे. इस दौरान इस बात पर जोर दिया कि दोनों पक्षों को सीमावर्ती क्षेत्र में अमन-चैन बनाये रखने के लिहाज से मतभेदों को सुलझाने के लिए संचार और समन्वय मजबूत करना चाहिए.

हालांकि, भारतीय विदेश मंत्री ने रेखांकित किया कि इस घटना का भारत और चीन के द्विपक्षीय संबंधों पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा. दोनों पक्ष द्विपक्षीय समझौते और प्रोटोकॉल के अनुसार इस मामले को आगे नहीं बढ़ाने और शांति सुनिश्चित करने के लिए कोई कार्रवाई नहीं करेंगे.

इससे पहले लद्दाख में चीन की दुस्साहस पर पीएम मोदी ने कहा की भारत शांति चाहता है, लेकिन उकसाने पर माकूल जवाब भी देना जानता है. उन्होंने बुधवार को एक वीडियो संदेश में कहा “मैं देश को भरोसा दिलाना चाहता हूं कि हमारे जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा. हमारे लिए भारत की अखंडता और संप्रभुता सर्वोच्च है और इसकी रक्षा करने से हमें कोई भी रोक नहीं सकता. भारत शांति चाहता है लेकिन भारत उकसाने पर हर हाल में यथोचित जवाब देने में सक्षम है.

लद्दाख के गलवान घाटी में भारतीय जवानों पर हमला पूर्व नियोजित, दुस्साहस के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन को दिया कड़ा संदेश

वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तनाव के बीच भारत और चीन के विदेश मंत्रियों ने बुधवार को फोन पर बातचीत की. इस दौरान भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने चीन के विदेश मंत्री वांग यी के समक्ष कड़ा विरोध जताया.

देश Dinesh Dubey|
लद्दाख के गलवान घाटी में भारतीय जवानों पर हमला पूर्व नियोजित, दुस्साहस के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन को दिया कड़ा संदेश
भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर (Photo Credits: ANI/File)

नई दिल्ली: वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तनाव के बीच भारत और चीन के विदेश मंत्रियों ने बुधवार को फोन पर बातचीत की. इस दौरान भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने चीन के विदेश मंत्री वांग यी (Wang Yi) के समक्ष कड़ा विरोध जताया. उन्होंने कहा कि पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी में जो कुछ हुआ वह चीन द्वारा पूर्व नियोजित और योजनाबद्ध कार्रवाई थी. चीन इस घटना के लिए जिम्मेदार है.

भारतीय सेना के मुताबिक पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के साथ हिंसक झड़प में एक कर्नल सहित भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए. जबकि कई जवान गंभीर रूप से घायल हुए है. हालांकि बड़ी संख्या में चीनी सैनिकों के भी हताहत होने की सूचना मिल रही है. लेकिन पीएलए ने अब तक इस संबंध में कोई जानकारी नहीं दी है. India-China Face-Off in Ladakh: चीनी पीएलए ने भारतीय सेना की एक पूरी कंपनी को घेर लिया था

जयशंकर और वांग यी ने बातचीत के दौरान यह सहमति व्यक्त की कि वर्तमान स्थिति को एक जिम्मेदार तरीके से नियंत्रित किया जाएगा, और दोनों पक्ष 6 जून को हुई बातचीत को ईमानदारी से लागू करेंगे. इस दौरान इस बात पर जोर दिया कि दोनों पक्षों को सीमावर्ती क्षेत्र में अमन-चैन बनाये रखने के लिहाज से मतभेदों को सुलझाने के लिए संचार और समन्वय मजबूत करना चाहिए.

हालांकि, भारतीय विदेश मंत्री ने रेखांकित किया कि इस घटना का भारत और चीन के द्विपक्षीय संबंधों पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा. दोनों पक्ष द्विपक्षीय समझौते और प्रोटोकॉल के अनुसार इस मामले को आगे नहीं बढ़ाने और शांति सुनिश्चित करने के लिए कोई कार्रवाई नहीं करेंगे.

इससे पहले लद्दाख में चीन की दुस्साहस पर पीएम मोदी ने कहा की भारत शांति चाहता है, लेकिन उकसाने पर माकूल जवाब भी देना जानता है. उन्होंने बुधवार को एक वीडियो संदेश में कहा “मैं देश को भरोसा दिलाना चाहता हूं कि हमारे जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा. हमारे लिए भारत की अखंडता और संप्रभुता सर्वोच्च है और इसकी रक्षा करने से हमें कोई भी रोक नहीं सकता. भारत शांति चाहता है लेकिन भारत उकसाने पर हर हाल में यथोचित जवाब देने में सक्षम है.

Two sides should scrupulously & sincerely implement the understanding reached by Senior Commanders on June 6. Troops of both sides should also abide by bilateral agreements&protocols. They should strictly respect&observe LAC & shouldn't take any unilateral action to alter it: MEA https://t.co/dB6yN8hkOO

— ANI (@ANI) June 17, 2020

इससे पहले लद्दाख में चीन की दुस्साहस पर पीएम मोदी ने कहा की भारत शांति चाहता है, लेकिन उकसाने पर माकूल जवाब भी देना जानता है. उन्होंने बुधवार को एक वीडियो संदेश में कहा “मैं देश को भरोसा दिलाना चाहता हूं कि हमारे जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा. हमारे लिए भारत की अखंडता और संप्रभुता सर्वोच्च है और इसकी रक्षा करने से हमें कोई भी रोक नहीं सकता. भारत शांति चाहता है लेकिन भारत उकसाने पर हर हाल में यथोचित जवाब देने में सक्षम है.

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